IPL 2020 के क्वारंटाइन नियम में हो सकता है बदलाव, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियों को मिलेगी छूट
बीसीसीआई को पहले से बायो बबल में रहकर आने वाले विदेशी खिलाड़ियों के लिए इसमें छूट देने की सिफारिश की गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें एडिशन में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ी शुरुआती मुकाबलों में खेलेंगे या नहीं यह क्वारंटाइन के नियम पर निर्भर करेगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बाहर से आने वाले सभी खिलाड़ियो के लिए 6 दिन के क्वारंटाइन की अवधि निर्धारित की है। बीसीसीआई को पहले से इको बबल में रहकर आने वाले विदेशी खिलाड़ियों के लिए इसमें छूट देने की सिफारिश की गई है।
इस वक्त इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज खेली जा रही है। इसमें खेल रहे तकरीबन 21 खिलाड़ी 16 सितंबर के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में भाग लेने यूएई के लिए रवाना होंगे। मैनचेस्टर में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज के सभी मुकाबलों का आयोजन किया जाना था।
मैनचेस्टर से 17 सितंबर को सभी खिलाड़ी यूएई के लिए रवाना होंगे। क्वारंटाइन के नियम के मुताबिक 6 दिन के बाद यानी 23 सितंबर तक ही सभी खिलाड़ी टीम बबल में जा पाएंगे। 19 सितंबर से टूर्नामेंट की शुरुआत है और क्वारंटाइन नियम की वजह से चेन्नई और मुंबई की टीम में खेलने वाले खिलाड़ी पहला मुकाबला नहीं खेल पाएंगे।
पाटीआइ से बात करते हुए सूत्र ने बताया, हां बीसीसीआई के अध्यक्ष ने इस बारे में अनुरोध पाया है। यह शायद किसी खिलाड़ी द्वारा लिखा गया है लेकिन यह उन सभी खिलाड़ियों से जुड़ा जो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीम के हैं और लंदन से यहां पहुंच रहे हैं।
सभी खिलाड़ियों के ऐसा लगता है कि जबकि सभी बयो बबल में ही हैं पहले ऑस्ट्रेलिया में फिर लंदन में तो यह तर्क के लिहाज से सही है कि उनको एक और बबल में जाने की अनुमति मिल जाए क्योंकि उन्होंने अब तक बाहरी दुनिया के किसी भी इंसान से संपर्क नहीं बनाया है।
वो सभी साउथैम्पटन और मैनचेस्टर के होटल में रुके थे, जो स्टेडियम का हिस्सा था। उनको पांचवें दिन टेस्ट से गुजरना पड़ा और फिर वह अगले दिन लंदन के लिए निकल गए वहां भी उनको जाने के बाद पहले और तीसरे दिन टेस्ट से गुजरना पड़ा। अगर आप देखेंगे कि जो बबल इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने बनाया था वहीं खिलाड़ियों के कमरे में साफ सफाई वालों तक को जाने की इजाजत नहीं थी। एक और बात वो सभी चाटर्ड प्लेन से आ रहे हैं ना कि किसी कमर्शियल प्लाइट से। तो जो बात वो कर रहे हैं कि एक बबल से दूसरे बबल में जाने की इजाजत दी जाए।