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भारतीय क्रिकेट टीम जीत के लिए किस पर दिखाती है अब सबसे ज्यादा काफी विश्वास, बुमराह ने किया खुलासा

वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले जसप्रीत बुमराह ने कहा भारतीय तेज गेंदबाजी इकाई का सदस्य होने के नाते मैं कहना चाहूंगा कि हम पूरे विश्व में कौन क्या कह रहा है उस पर ध्यान नहीं देते।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:26 PM (IST)
भारतीय क्रिकेट टीम जीत के लिए किस पर दिखाती है अब सबसे ज्यादा काफी विश्वास, बुमराह ने किया खुलासा
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (एपी फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा से बल्लेबाजों और स्पिनरों का बोलबाला रहा है। देश हो या विदेश हर जगह भारतीय बल्लेबाजी की चर्चा होती रहती थी मगर पिछले दो-तीन साल में बदलाव देखने को मिला है। जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, इशांत शर्मा, उमेश यादव और मुहम्मद सिराज जैसे तेज गेंदबाजों का दबदबा सबने देखा है। एसजी टीवी से बात करते हुए भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा कि पिछले दो वर्षो में काफी कुछ बदलाव है। अब टीम जीत के लिए तेज गेंदबाजों पर काफी विश्वास दिखाती है।

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वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले जसप्रीत बुमराह ने कहा, 'भारतीय तेज गेंदबाजी इकाई का सदस्य होने के नाते मैं कहना चाहूंगा कि हम पूरे विश्व में कौन क्या कह रहा है, उस पर ध्यान नहीं देते। हमारा लक्ष्य सिर्फ बेहतर करना और टीम की जीत में योगदान देने पर होता है। साल 2018 से सब कुछ बदलना शुरू हुआ क्योंकि उस समय टीम को विदेश दौरे पर कई टेस्ट मैच खेलने थे और धीरे-धीरे टीम स्पिनर की जगह तेज गेंदबाजों पर निर्भर होने लगी और समय के साथ हमने फिटनेस के ऊपर भी काफी काम किया। इसके अलावा टीम में सभी खिलाडि़यों के बीच माहौल काफी अच्छा है। कप्तान का भी समर्थन मिलता रहा, जिससे हमें सफलता मिली तो आत्मविश्वास भी बढ़ता चला गया। मेरे विचार से यही कारण है कि हम इतना अच्छा प्रदर्शन कर सके और अब टीम तेज गेंदबाजों पर काफी भरोसा भी दिखाती है।'

महज 24 टेस्ट मैचों में सबसे तेज 101 विकेट लेने वाले बुमराह ने कहा, 'जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब कोई भी क्रिकेट अकादमी या कोचिंग कैंप नहीं गया था। जो भी होता था बस खुद से सीखते थे। मेरा गेंदबाजी एक्शन भी अजीब था तो लोग कहते थे यह मान्य होगा भी या नहीं लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था और आगे बढ़ते गया। जिस किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ना है या सफल होना है तो उसे खुद पर भरोसा होना चाहिए। अभी भी मैच में जब विपरीत परिस्थितियां होती हैं तो मैं अपने आत्मविश्वास के साथ ही उन स्थितियों से लड़ता हूं और उबर कर सामने आता हूं इसलिए मेरे करियर में मेरे आत्मविश्वास ने हमेशा मेरा साथ दिया।'

आधुनिक क्रिकेट के तमाम नए क्रिकेट प्रारूप जैसे कि टी-20, टी-10 और द हंड्रेड के बारे में पूछने पर बुमराह ने कहा, 'क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट सबसे आगे था और हमेशा रहेगा क्योंकि बचपन से मैंने टेस्ट क्रिकेट देखा है और टेस्ट खेलने का सपना भी था। 100 टेस्ट मैच खेलने का कोई लक्ष्य नहीं है बस क्रिकेट का आनंद लेना है और ऐसे आकड़ों पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं देता हूं। मुझे क्रिकेट से प्यार है और मैं इसमें हीरो बनने के लिए या फिर आकर्षण पाने जैसी चीजों से दूर रहता हूं। मेरा लक्ष्य बस टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना और इस खेल का आनंद उठाना है।'


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