लगातार दो बार टी20 टीम से बाहर किए जाने के बाद कुलदीप यादव ने बयां किया अपना दर्द, कहा कुछ ऐसा
कुलदीप यादव को वेस्टइंडीज के खिलाफ और अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी भारतीय टी 20 टीम में जगह नहीं दी गई है।
मैसुरु, प्रेट्र। भारत की पिछली दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज से बाहर रहने से कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) परेशान नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में अच्छा करने का मौका है। कुलदीप को वेस्टइंडीज दौरे और फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टी-20 टीम में जगह नहीं दी गई थी लेकिन इससे उनका मनोबल नहीं गिरा है।
कुलदीप ने कहा कि अब तक मैंने सीमित ओवरों के प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है। मैं सफेद गेंद से गेंदबाजी करते हुए काफी सहज महसूस करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं पिछली दो टी-20 सीरीज के लिए नहीं चुने जाने से चिंतित नहीं हूं। हो सकता है कि चयनकर्ताओं को लगता हो कि मुझे विश्राम की जरूरत है। हो सकता है कि टीम को कुछ बदलावों की जरूरत लगती हो। मैं इसका सम्मान करता हूं और मेरी कोई शिकायत नहीं है। मैं इसे टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने के मौके के तौर पर देखता हूं।
कुलदीप भारत-ए टीम का हिस्सा थे जिसने शुक्रवार को मैसुरु में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ड्रा खेला। उन्होंने 121 रन देकर चार विकेट लिए। उनका मानना है कि अभी क्रिकेट जगत में कलाई के स्पिनरों का दबदबा है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अभी विश्व क्रिकेट में कलाई के स्पिनरों का दबदबा है लेकिन कई बार जब आप रनों पर अंकुश लगाने की कोशिश करते हो तो असल में आप खर्चीले साबित हो जाते हो। हमें सटीक गेंदबाजी करनी होगी और इस पर काम करने की जरूरत है।
कुलदीप को लगता है कि लगातार सीमित ओवरों में खेलने के बाद लाल गेंद से सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि जब आप लंबी अवधि के प्रारूप में नियमित तौर पर नहीं खेलते तो लाल गेंद से सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है। अगर आप इस प्रारूप में नियमित तौर पर नहीं खेलते हो तो लय हासिल करने में थोड़ा समय लगता है। जब आप लगतार सीमित ओवरों के मैच खेल रहे हों और अचानक आपको बिना खास तैयारी के टेस्ट मैच खेलना पड़े तो फिर अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होता है।