पैनल ही नहीं हिन्दी कमेंट्री के दौरान कैमरा भी अलग होता है, सारी दिलचस्प बातें संजोग गुप्ता की जुबानी
हिन्दी कमेंट्री के दौरान सिर्फ पैनल ही अलग नहीं होता बल्कि इसके लिए कैमरा भी अलग इस्तेमाल किए जाते हैं। दैनिक जागरण से स्टार स्पोर्ट्स इंडिया के हेड संजोग गुप्ता ने खास बात की और इसके बारे में बताई कई दिलचस्प बातें।
विप्लव कुमार, नई दिल्ली। एक वक्त था जब नेशनल चैनल पर मैच के दौरान आघे घंटे अंग्रेजी और फिर आघे घंटे हिन्दी में कमेंट्री की जाती थी। घर के बूढे बुजुर्ग और बच्चे उस आघे घंटे में मैच का मजा कुछ ज्यादा ही उठाया करते थे क्योंकि उनको मैच का हाल और अच्छे से समझ आता था। आज पूरे मैच का मजा हिन्दी में उठाया जा रहा है और इसको लेकर बहुत ही दिलचस्प बातें भी हैं जिसे इसको देखने वाले लोग नहीं जानते।
आज पूर्व भारतीय दिग्गज हिन्दी में मैच का हाल बता रहे हैं और क्रिकेट का रोमांच यहीं खत्म नहीं होता बल्कि मैच से पहले और इसके बाद हर एक चीज का विश्लेषण हिन्दी में ही होता है। हिन्दी कमेंट्री के दौरान सिर्फ पैनल ही अलग नहीं होता बल्कि इसके लिए कैमरा भी अलग इस्तेमाल किए जाते हैं। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही सीरीज का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स पर किया जा रहा है। दैनिक जागरण से स्टार स्पोर्ट्स इंडिया के हेड संजोग गुप्ता ने खास बात की और इसके बारे में बताई कई दिलचस्प बातें।
हिन्दी की व्यूअरशिप अंग्रेजी से ज्यादा
अगर आप हिन्दी और इंग्लिश दोनों की व्यू्अरशिफ देखें तो दो तिहाई हिन्दी से आती है। ये फैक्ट बहुत सारे लोगों को पता नहीं है, उनको अभी भी ऐसा लगता है कि लोग हिन्दी में मैच को ज्यादा नहीं देखते हैं। ऐसा है नहीं, हमने 2012 में ये शुरू किया था जहां सबकुछ हिन्दी में हो। मैच की कमेंट्री, ग्राफिक्स, प्री और पोस्ट शो। इसके पीछे की सोच थी कि क्या हम आपका खेल आपकी भाषा में आपके पास पहुंचाते हैं। पहले लोग इससे ज्यादा नहीं जुड़ पाते थे क्योंकि वह इसे अपने से नहीं जोड़ पाते थे।
अंग्रेजी से अलग होती है हिन्दी की कवरेज
हिन्दी की कवरेज अंग्रेजी से काफी अलग होती है। ना सिर्फ ग्राफिक्स और कमेंट्री के लिहाज से बल्कि कैमरा भी अलग होते हैं। जो आप अंग्रेजी में अगर देखते हैं तो वहां दिखेगा कि जो रूट कैसे अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। वहीं हिन्दी में पाएंगे कि चल रही होगी कि अश्विन और बाकी स्पिनर को क्या लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करना चाहिए जो रूट को उनको आउट करने के लिए। हिन्दी में कवरेज का फोकस बिल्कुल अलग होता है।
हमारी रणनीति खेल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की है। अगर आप हिन्दी और अंग्रेजी दोनों फीड की तुलना करें तो हिन्दी की रीच 30 से 35 फीसदी अधिक है अंग्रेजी की तुलना में। इसी वजह से हम हिन्दी में और अच्छा करना चाहते हैं चाहे फ्रेश कमेंट्री पैनल हो जिसमें इरफान पठान, गौतम गंभीर अब तो मतलब वीवीएल लक्ष्मण भी हिन्दी में कमेंट्री करते हैं। पांच छह साल पहले किसने सोचा था वीवीएल हिन्दी कमेंट्री करेंगे।
टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को एक जश्न बनाना है
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में कई लोग ऐसे भी आएंगे जो लगातार इसे फॉलो नहीं कर रहे हैं। हमारी कोशिश होगी कि टेस्ट चैंपियनशिप को देखे और आगे चलकर भी वो टेस्ट क्रिकेट को देखें। कोशिश यह होगी कि हिन्दी में जो भी नए लोग इसे देखें उनको लगना चाहिए कि यह कुछ नया है। क्योंकि टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल वाकई खास होने वाला है।