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    जानिए क्यों चौथे वनडे में धौनी के बगैर कोहली की कप्तानी दिखी साधारण

    By TaniskEdited By:
    Updated: Mon, 11 Mar 2019 02:09 PM (IST)

    ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे वनडे में भारतीय टीम पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के बगैर उतरी थी।धौनी की अनुपलब्धता में विराट कोहली की कप्तानी काफी साधारण दिखाई दी।

    जानिए क्यों चौथे वनडे में धौनी के बगैर कोहली की कप्तानी दिखी साधारण

    नई दिल्ली, एजेंसी। India vs Australia, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में खेले गए चौथे वनडे मैच में भारतीय टीम को 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारतीय टीम पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के बगैर उतरी थी। रांची में खेले गए तीसरे वनडे के बाद उन्हें आराम दे दिया गया था। उनकी जगह टीम में रिषभ पंत को शामिल किया गया। धौनी के न खेलने से बल्लेबाजी पर तो फर्क नहीं पड़ा, लेकिन इसका असर गेंदबाजी के वक्त साफ दिखाई दिया। इस दौरान विराट कोहली की कप्तानी काफी साधारण दिखाई दी। पूरे मैच के दौरान उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जो भारत के लिए हार का सबसे बड़ा कारण बना। धौनी के अनुपलब्धता में सबसे बड़ा सवाल विराट कोहली के कप्तानी पर ही उठ जाता है।

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    डेथ ओवर्स में दिशाहीन दिखाई दी टीम

    इस मैच में धौनी की सबसे ज्यादा कमी अंतिम ओवरों में खली। डेथ ओवर्स विराट कोहली के बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे थे। इस दौरान टीम दिशाहीन दिखाई दे रही थी। धौनी जब टीम में होते हैं तो विराट आराम से बाउंड्री पर फील्डिंग करते हैं। विराट जब बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे होते हैं तो धौनी गेंदबाज से लेकर फील्डर तक को नसीहत देते हैं। कोहली ने खुद ऑस्ट्रेलिया में इस बात को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा था, ' जब माही भाई होते हैं, तो हम अपनी योजनाओं पर आराम से अमल करते हैं।'

    जसप्रीत बुमराह का गलत इस्तेमाल

    उस्मान ख्वाजा को आउट करने के बाद जसप्रीत बुमराह को कोहली ने गेंदबाजी से हटा दिया। कोहली के इस फैसले को कैसे समझे? बुमराह का छठा ओवर था। हालांकि, ग्लेन मैक्सवेल ने उनके खिलाफ दो चौके लगाए, लेकिन वह उनका विकेट ले सकते थे। कोहली को यह समझना चाहिए कि बुमराह उनके विकेट-टेकर गेंदबाज हैं। वह मैक्सवेल को आउट कर सकते थे, जिन्होंने ताबड़तोड़ 13 गेंदों पर  23 रन बनाए। कोहली स्पिनरों और फिर भुवनेश्वर कुमार को गेंदबाजी कराते रहे। जब बुमराह अपने तीसरे स्पैल के लिए लौटे, तब-तक मैच हाथ से निकल गया था। एश्टन टर्नर ऑस्ट्रेलिया को जीत के करीब ले आए थे।

    विजय शंकर और केदार जाधव पर निर्भरता

    भारतीय टीम के पास इस वक्त विश्व के सबसे बेहतर तेज और स्पिन गेंदबाज हैं। इसके बाद भी विराट कोहली इस मैच में विजय शंकर को दसवें ओवर में ही गेंदबाजी के लिए लेकर आ गए। इसके बाद उन्होंने केदार जाधव को 15वें ओवर में गेंद थमा दी। कोहली के इस फैसले से टीम के प्रमुख गेंदबाजों का मनोबल गिरेगा। 

    दूसरे मैच में धौनी की सलाह से मिली जीत 

    दूसरे वनडे मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम एक समय काफी मजबूत स्थिति में थी। 45 ओवर के बाद उन्हें जीत के लिए 5 ओवरों में 29 रन की जरूरत थी। कोहली इस समय 46वें ओवर में विजयशंकर को गेंद सौंपना चाहते थे, लेकिन पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और उप-कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इन दोनों दिग्गजों की राय मानते हुए कोहली ने 46वां ओवर बुमराह से कराया। इस ओवर में सिर्फ एक रन बन पाया और ऑस्ट्रेलिया ने अपने दो अहम विकेट गंवा दिए।

    इसके बाद शंकर ने 50वां ओवर किया। 50वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 11 रन की जरूरत थी और उसके पास अभी दो विकेट बचे थे। इस ओवर ने विजय शंकर को हीरो बना दिया। शंकर ने अंतिम ओवर की पहली तीन गेंदों पर ऑस्ट्रेलिया के दोनों विकेट लेकर भारत को मैच जीता दिया।

    मैच के बाद कप्तान कोहली ने कहा, 'मैं ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान 46वां ओवर शंकर को देना चाहता था, लेकिन धौनी और रोहित ने मुझे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के साथ गेंदबाजी जारी रखने की सलाह दी। उनका सोचना था कि हम विकेट निकाल कर ही मैच में बने रह सकते हैं और ऐसा ही हुआ।  

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