Ind vs SA: भारत को हराने के लिए साउथ अफ्रीका चल सकता है कौन सी चाल, सुनील गावस्कर ने खोला राज
Ind vs SA 2nd ODI सुनील गावस्कर का कहना है कि साउथ अफ्रीका की टीम को अगले साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में क्वालीफाई करने के लिए बचे हुए मैच जीतकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी। भारत को हराने के लिए वो अब ये चाल चलेंगे।

सुनील गावस्कर का कालम
क्रिकेट का ये अद्भुत खेल हमें एक जरूरी चीज सिखाता है कि हमें किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए। कोई भी खिलाड़ी जो ये सोचता है कि वो आएगा और सब कुछ उसके हिसाब से होता चला जाएगा तो वो गलत सोचता है। अधिकतर मौकों पर खेल उसे कड़े सबक सिखा देता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण सर डोनाल्ड ब्रैडमैन हैं जिन्हें 100 की करियर औसत हासिल करने के लिए अपनी आखिरी टेस्ट पारी में सिर्फ चार रनों की जरूरत थी। लेकिन दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले बोल्ड होने के चलते वो इस असाधारण औसत तक पहुंचने से चूक गए।
हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि सर डान ने कभी कुछ भी हल्के में लिया, क्योंकि उनका हर गेंद का सामना करना ही रिकार्ड में दर्ज हो जाता था जैसे कि उनका शून्य पर आउट होना हुआ। इस बात में कोई हैरानी नहीं है कि उन्होंने शतक, दोहरे शतक और तिहरे शतक के आंकड़े को खेल बनाकर रख दिया। आज के माडर्न क्रिकेटर में बेहद कम खिलाड़ी शायद सर डोनाल्ड के बारे में जानते होंगे या फिर आज से 10-15 साल पहले की क्रिकेट के बारे में ही उन्हें ज्यादा कुछ पता होगा। आशा है कि भारतीय महिला टीम की कप्तान ने पाकिस्तान के विरुद्ध टाली जा सकने वाली हार के बाद ये सबक सीख लिया होगा कि प्रयोग तब किए जाते हैं जब आपने सीरीज जीत ली हो, क्योंकि मैच के बीच में प्रयोग करने से आपको विपरीत नतीजे हासिल हो सकते हैं।
ऐसे में जब एशिया कप चल रहा हो तो विश्व कप की तैयारियों के लिए दूसरे खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का वक्त देना समझदारी भरा फैसला नहीं कहा जा सकता। खासकर जब आप पाकिस्तान के विरुद्ध खेल रहे हों। भारतीय टीम ने पाकिस्तान के लिए टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के रास्ते लगभग बंद करने के बजाय उन्हें न केवल अपना सफर बढ़ाने का मौका दिया, बल्कि ये विश्वास भी दे दिया कि वो खिताबी मंजिल तक भी पहुंच सकते हैं। भारतीय टीम अब भी एशिया कप जीत सकती है, लेकिन आशा है कि टीम ने इस हार से अहम सबक सीख लिया होगा। मौजूदा सीरीज को छोड़कर आने वाली सीरीज पर ध्यान लगाने का एक और उदाहरण इंग्लैंड की टीम है जिसने आने वाली एशेज सीरीज की तैयारियां दूसरी खेली जा रही सीरीज के बीच से शुरू कर दी और उनमें उन्हें अधिकतर हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय पुरुष टीम के पास बड़ा टैलेंट पूल होने का फायदा है जिससे उसे अनफिट शीर्ष खिलाड़ियों की उतनी कमी महसूस नहीं होती। टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका की ऐसी टीम के सामने है जिसे ये पता है कि अगले साल अक्टूबर में भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में क्वालीफाई करने के अवसर बनाने के लिए उसे अपने बचे मुकाबले जीतने होंगे। इसी वजह से दक्षिण अफ्रीकी टीम ने वनडे सीरीज में उन खिलाड़ियों को भी मैदान में उतारा जो आगामी टी-20 विश्व कप का हिस्सा हैं, ताकि मौजूदा सीरीज जीतकर वनडे विश्व कप में क्वालीफाई करने के लिए मजबूत दावेदारी पेश की जा सके।
दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान टेंबा बावुमा भले ही खराब फार्म से जूझ रहे हों, लेकिन अगर वह भारतीय महिला टीम की कप्तान की तरह बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करते हैं तो काफी हैरानी होगी। दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज अपना होमवर्क करके आए हैं और उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को फ्रंटफुट पर आकर खेलन का मौका ही नहीं दिया। दक्षिण अफ्रीकी टीम बचे मैचों में एक स्पिनर की बजाय अतिरिक्त तेज गेंदबाज के साथ उतर सकती है, क्योंकि भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों को खेलने में माहिर हैं। रांची में इस लिहाज से ये मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।