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    IND vs NZ: 'कभी हीरो तो कभी जीरो', रवींद्र जडेजा ने फाइनल जीतने के बाद बयां की दिल की बात

    भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को मात देकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है। ये तीसरी बार है जब भारत ने ये ट्रॉफी उठाई है। रवींद्र जडेजा ने 49वें ओवर की आखिरी गेंद पर चौका मार भारत को जीत दिलाई। इसके बाद जडेजा ने दिल छूने वाली बात कह दी। उन्होंने अपने दिल की बात बाहर निकालकर रख दी।

    By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Mon, 10 Mar 2025 01:50 PM (IST)
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    रवींद्र जडेजा ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद कही दिल की बात

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए न्यूजीलैंड को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हरा खिताब अपने नाम किया। टीम इंडिया तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है और इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम बन गई है। रवींद्र जडेजा ने चौका मार टीम को जीत दिलाई और फिर उन्होंने मैच के बाद अपने दिल की बात बयां कर दी।

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    न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट खोकर 251 रन बनाए थे। टीम इंडिया ने ये लक्ष्य छह विकेट खोकर 49वें ओवर में हासिल कर लिया। इसी के साथ भारत ने 12 साल के सूखे को खत्म करते हुए चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की।

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    कभी हीरो तो कभी जीरो

    मैच के बाद जब जडेजा से पूछा गया कि जब मैच खत्म होता है तो आप हमेशा रहते हो क्रीज पर। इसका जबाव देते हुए जडेजा ने कहा, "मेरे नंबर ऐसा है कि कभी हीरो तो कभी जीरो बनने का चांस होता है। नए बल्लेबाज के लिए पिच आसान नहीं थी। हार्दिक पांड्या और केएल राहुल ने आखिरी 10 ओवरों में अच्छी साझेदारी की उससे मैच का मोमेंटन बदल गया। चैंपियंस ट्रॉफी जीतना बहुत बड़ी बात है। जब आप लंबे समय तक खेलते हुए बड़ा टूर्नामेंच नहीं जीतते हो तो ये बात चुभती है।"

    जडेजा ने छह गेंदों पर एक चौके की मदद से नाबाद नौ रन बनाए। उनके साथ राहुल भी नाबाद रहे। उन्होंने 33 गेंदों पर 34 रन बनाए। राहुल की पारी में एक चौका एक छक्का शामिल रहा। कप्तान रोहित शर्मा ने 76 रनों की पारी खेली जिसने भारत की जीत की नींव रख दी थी।

    न्यूजीलैंड से लिया बदला

    भारतीय टीम ने इसी के साथ न्यूजीलैंड से 25 साल पुराना बदला भी चुकता कर लिया। इसी न्यूजीलैंड ने साल 2000 में भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जो उस समय आईसीसी नॉकआउट के नाम से जानी जाती थी, उसके फाइनल में मात दी थी। इसके 25 साल बाद इसी टूर्नामेंट में भारत का सामना न्यूजीलैंड से हुआ और इस बार टीम इंडिया बाजी मारने में सफल रही। इसी के साथ उसने बदला भी पूरा कर लिया।

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