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ICC World Cup 2019: बैडमिंटन के भी खिलाड़ी रहे हैं महेन्द्र सिंह धौनी, खेल चुके हैं स्टेट टूर्नामेंट

ICC World Cup 2019 MS Dhoni क्रिकेट के अलावा एक और गेम में पारंगत है। वो दूसरा गेम फुटबॉल नहीं बैडमिंटन है।

By Rajat SinghEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 03:50 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 03:50 PM (IST)
ICC World Cup 2019: बैडमिंटन के भी खिलाड़ी रहे हैं महेन्द्र सिंह धौनी, खेल चुके हैं स्टेट टूर्नामेंट
ICC World Cup 2019: बैडमिंटन के भी खिलाड़ी रहे हैं महेन्द्र सिंह धौनी, खेल चुके हैं स्टेट टूर्नामेंट

अमित शर्मा, जागरण। रांची का ऐसा कोई क्रिकेट ग्राउंड नहीं जहां महेन्द्र सिंह धौनी के छक्के न लगे हों। धौनी के शुरुआती दिनों के क्रिकेट को निखारने में रांची के दो लोगों का नाम सामने आता है। एक केशव बनर्जी और दूसरे चंचल भट्टाचार्य। जागरण डॉट कॉम की टीम वर्ल्ड कप के दौरान धौनी के होम टाउन रांची पहुंची, तो हमारी मुलाकात चंचल दा से हुई। शांत, अनुशासित और सहज चंचल दा, धौनी के कोच रहे हैं। चंचल खेल पत्रकार भी हैं।

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चंचल भट्टाचार्य से जब हमने पूछा कि धौनी की ऐसी कौनसी बात है, जो उनके फैन्स अब तक नहीं जानते। धौनी पर फिल्म आने के बाद लगभग बहुत-सी बातें आम दर्शक फैन तक पहुंच चुकी हैं। इस सवाल पर चंचल दा का जवाब था कि धौनी क्रिकेट के अलावा एक और गेम में पारंगत है। वो दूसरा गेम फुटबॉल नहीं बैडमिंटन है। धौनी नाइंटीन की टीम में बैडमिंटन का स्टेट टूर्नामेंट भी खेल चुका है। अब भी नियमित बैडमिंटन की प्रैक्टिस करते हैं।

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वो कौनसी खूबी किसी माही में होती है जो आगे चल कर उसे महेन्द्र सिंह धौनी बना देती है? इस सवाल के जवाब में भट्टाचार्य कहते हैं कि देखिए क्रिकेट खेल रहा हर शख्स प्लेयर है। सफल खिलाड़ी बनने के लिए कुछ तो एक्स्ट्रा होना जरूरी है। धौनी में वो 'एक्स्ट्रा' बचपन से ही था। उसकी खूबी थी कि वो कभी सवाल नहीं करता था। जो करने को कहा जाए, पहले करता था फिर बाद में पूछता था कि ये प्रैक्टिस या एक्सरसाइज क्यों? जबकि आजकल के नए प्लेयर्स की बात करें तो पहले ही दिन से सवाल करते हैं, आरग्यूमेंट करते हैं, दूसरे कोचेज का उदाहरण देने लगते हैं।

महेन्द्र सिंह धौनी ने पहला लीग मैच चंचल भट्टाचार्य की कमांडो टीम में उन्हीं की कोचशिप में खेला था। रांची में एक कहानी काफी प्रचलित है कि चंचल भट्टाचार्य ने एक बार गुस्से में धौनी को घर दौड़ कर जाने की सजा दी थी। इस बारे में चंचल दा से बात करने पर उन्होंने कहा- 'हां, ऐसा हुआ था। सेंट्रल एकेडमी में मैच हार गए थे। मैं गुस्से में था। मैंने सभी को बस से न जाकर दौड़कर घर जाने की सजा दी थी। किसी ने ना नुकर नहीं की। बस धौनी ने ये रियायत मांगी थी कि कुछ दूर जाकर मकॉन कॉलोनी तक के लिए बस ले सकते हैं क्या ? इस पर मैं राजी हो गया था।'

चंचल भट्टाचार्य आश्वस्त हैं कि इस बार फिर टीम इंडिया वर्ल्ड कप लाएगी। वो कहते हैं कि इसके पीछे कोहली और धौनी की बॉन्डिंग उन्हें बड़ा कारण लगती है। धौनी का अनुभव और कोहली की कैप्टेनशिप इस बार भी वर्ल्ड कप देश में लाएगी, इसका उन्हें विश्वास है।

धौनी के कोच चंचल भट्टाचार्य से हुई खास बातचीत का वीडियो-

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