मैं अपने व्यक्तित्व पर शक करने लगा था, कॉफी विद करण विवाद पर बोले भारतीय बल्लेबाज राहुल
राहुल ने कहा कि मैं सच कहूं तो मैं कदम बाहर निकालने में डरने लगा था मैं तैयार नहीं था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मैं खुद की मदद नहीं कर सकता था, लेकिन अपने व्यक्तित्व पर शक करने लगा था। यह कहना है भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल का, जो हाल ही में एक टीवी शो के दौरान हार्दिक पांड्या के साथ एक विवाद में फंस गए थे। कॉफी विद करण में महिलाओं पर टिप्पणी करने के लिए दोनों ही खिलाडि़यों पर बीसीसीआइ ने प्रतिबंध लगा दिया था। प्रशासकों की समिति ने इस मामले में जांच बैठाई थी, जिसका परिणाम आना अभी बाकी है।
27वें जन्मदिन से कुछ सप्ताह पहले राहुल को ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज से पहले वापस भारत भेज दिया गया था। राहुल ने कहा कि यह मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था। मैं नहीं चाहता कि लोग मुझे नापसंद करें। पहले सात से 10 दिन मैं अपनी मदद नहीं कर सका। जब आपके बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा था तो सबसे मुश्किल चीज यह जानना थी कि क्या मैं गलत इंसान हूं। एक समय ऐसा भी था जब राहुल ने खुद को समाज से अलग कर लिया था, क्योंकि वह लोगों का सामना करने से डर रहे थे।
राहुल ने कहा कि मैं सच कहूं तो मैं कदम बाहर निकालने में डरने लगा था, मैं तैयार नहीं था। अगर लोग मुझसे सवाल करते तो मुझे नहीं पता था कि जवाब क्या देना है। मैं अभ्यास पर जाता, घर वापस आता और अपने प्ले स्टेशन पर गेम खेलने लग जाता क्योंकि मैं लोगों का सामना करने को तैयार नहीं था।
राहुल ने यह स्वीकार किया कि टीम इंडिया से जुड़ी चकाचौंध ने उन्हें अपनी जड़ों से दूर कर दिया। राहुल ने कहा कि जब आप देश के लिए खेलना शुरू करते हो, तो आपकी जिंदगी में कई बदलाव आते हैं। आप भूल जाते हो कि कौन आपके सच्चे दोस्त हैं और परिवार कितना अहम है। मैं एक बहुत लंबे सफर के लिए सड़क पर हूं और जहां कोई ब्रेक नहीं है। राहुल ने कहा कि आप दोस्तों के साथ बहुत कुछ बांटते हो, लेकिन भूल जाते हो कि घर पर भी कुछ लोग हैं, जिन्होंने आपका संघर्ष देखा है, तब आपको देखा है जब आप कुछ नहीं थे। वह आपकी मदद करते हैं क्योंकि उन्हें आपके अंदर का असली इंसान पसंद है। आप दोबारा से रिश्तों को सुधारने की जुगत में लग जाते हो।
हालांकि, राहुल ने टीम इंडिया के सदस्यों और सहायक स्टाफ का शुक्रिया अदा किया, जो उनके बुरे समय में साथ थे। उन्होंने कहा कि जब मैं ऑस्ट्रेलिया से घर वापस जा रहा था, तो बहुत से लोग थे जो मेरे पास आए और मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोले कि कोई बात नहीं, हम सब तुम्हारे साथ हैं। हम सबने गलतियां की हैं और हमने किसी ना किसी रूप में सजा भुगती है। राहुल ने कहा कि एक वरिष्ठ टीम सदस्य ने मुझे एक सलाह दी थी। खुद को सोशल मीडिया से मिल रही आलोचनाओं से दूर रखो और खुद पर शक मत करो।