मोहम्मद शमी के नाम निकला अरेस्ट वारंट तो पत्नी हसीन जहां ने दिया ये बड़ा बयान
मोहम्मद शमी के नाम कोलकाता की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में अरेस्ट वारंट निकाला है और 15 दिन के अंदर सरेंडर करने का समय दिया है। इस पर पत्नी हसीन जहां ने एक बयान दिया है।
नई दिल्ली, एएनआई। सोमवार को टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के नाम कोलकाता की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में अरेस्ट वारंट निकाला है। अदालत ने मोहम्मद शमी को 15 दिन के अंदर सरेंडर करने का भी समय दिया है। इसी बात पर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने कहा है कि वे इसके लिए न्याय व्यवस्था की आभारी हैं।
हसीन जहां ने मोहम्मद शमी के नाम अरेस्ट वारंट निकलने के बाद कहा है, "मैं न्याय व्यवस्था की आभारी हूं। मैं एक साल से ज्यादा समय से न्याय के लिए लड़ाई लड़ रही हूं। आप सब जानते हैं कि शमी सोच रहा है कि वो बड़ा क्रिकेटर है तो बहुत ताकतवर है। ऐसा नहीं है।"
Hasin Jahan,Cricketer Mohd Shami's wife: Had I not been from West Bengal, had Mamata Banerjee not been our CM, I wouldn't have been able to live safely here. Amroha (Uttar Pradesh) police was trying to harass me and my daughter, it was God's grace that they didn't succeed. https://t.co/emHwgDqY96" rel="nofollow — ANI (@ANI) 3 September 2019
हसीन जहां ने आगे कहा है, "अगर मैं पश्चिम बंगाल से नहीं होती, ममता बनर्जी हमारी सीएम नहीं होतीं तो मैं यहां सुरक्षित रूप से नहीं रह पाती। अमरोहा (उत्तर प्रदेश) पुलिस ने मुझे और मेरी बेटी को खूब परेशान करने की कोशिश की थी, भगवान की कृपा थी कि वे सफल नहीं हुए।" बता दें कि मोहम्मद शमी इस समय वेस्टइंडीज में हैं। यहां सोमवार को उन्होंने दौरे का आखिरी टेस्ट मैच खेला है।
दरअसल, कोलकाता की अलीपुर अदालत ने भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मोहम्मद शमी के खिलाफ 2018 में उनकी पत्नी हसीन जहां ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। इसी के संदर्भ में शमी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। हालांकि, शमी को सरेंडर करने और जमानत के लिए अप्लाइ करने के लिए 15 दिन का समय भी दिया गया है।
BCCI ने शमी को लेकर कही ये बात
वहीं, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ ने इस मामले में कहा है कि अभी इस मामले पर किसी भी तरह की कार्रवाई करना जल्दबाजी होग ऐक्शन लेना जल्दबाजी होगी। एक बार चार्जशीट देखने के बाद ही हम कोई फैसला ले पाएंगे। बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि कि हम समझते हैं कि गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, लेकिन हमें नहीं लगता कि हमें अभी इस मामले में दखल देने की जरूरत है।