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    'खिलाड़ियों को पता होता है, कब लेना है संन्यास,' भारत के पूर्व कोच का बड़ा बयान, मजबूत चयन पैनल की उठाई मांग

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 10:56 PM (IST)

    भारतीय टीम के पूर्व कोच रहे ग्रेग चैपल ने संन्यास को लेकर बड़ा बयान दिया है। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर और भारतीय टीम के पूर्व कोच रहे ग्रेग चैपल ने संन्यास को लेकर बहुत रोचक बात बताई। स्वयं शीर्ष फार्म में संन्यास लेने वाले दिग्गज के अनुसार सुपरस्टार खिलाड़ियों को अधिक अवसर मिलता है लेकिन सभी को पता होता है कि संन्यास कब लेना है।

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    ग्रेग चैपल ने संन्यास पर बताई मजेदार बात। फाइल फोटो

    अभिषेक त्रिपाठी, एडिलेड। भारतीय स्टार ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने ब्रिस्बेन टेस्ट ड्रॉ होने के बाद अचानक संन्यास की घोषणा कर दी। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में अब दो टेस्ट और शेष हैं। ऐसे में कुछ और दिग्गज खिलाड़ी इस दौरे के अंत तक संन्यास की घोषणा कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर और भारतीय टीम के पूर्व कोच रहे ग्रेग चैपल ने संन्यास को लेकर बहुत रोचक बात बताई। स्वयं शीर्ष फार्म में संन्यास लेने वाले दिग्गज के अनुसार, सुपरस्टार खिलाड़ियों को अधिक अवसर मिलता है लेकिन सभी को पता होता है कि संन्यास कब लेना है।

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    संन्यास को लेकर चैपल ने कहा, 'आप स्वयं जानते हैं कि आप फार्म में हैं या नहीं, लेकिन क्योंकि सभी को खेलना बहुत पसंद है। इसलिए जब तक खेल सकते हैं, तब तक हर कोई खेलना चाहता है। सभी के पास इसके लिए कारण भी होते हैं। साथ ही यह अधिकार भी होता है कि कब तक खेलना चाहते हैं, खेल सकते हैं। इसलिए इन कठिन निर्णयों को लेने के लिए अच्छी, मजबूत चयन नीतियों और चयन पैनल की आवश्यकता है। यह जरूरी नहीं है कि खिलाड़ी ही वे निर्णय लें। वे भले ही निर्णय लेना चाहें, लेकिन क्योंकि इसमें अच्छे पैसे मिलते हैं, कौन इससे दूर जाना चाहेगा? किसी और को ही यह निर्णय लेना होगा। इसलिए आपको मजबूत चयन पैनल और नीतियों की आवश्यकता है।'

    कठिन बातचीत करने वाले चयनकर्ता जरूरी

    किसी खिलाड़ी को कैसे यह बोलना चाहिए कि हम आपकी ओर नहीं देख रहे। इस पर चैपल ने कहा, 'यह बहुत कठिन है। आपको सही लोगों को चयनकर्ता के रूप में चुनना होगा, जो उन कठिन बातचीत के लिए तैयार हों। यह विभिन्न लोगों के बीच संबंधों पर निर्भर करता है, लेकिन सभी इससे गुजरते हैं। हर कोई जो उस स्तर पर खेलता है। एक खिलाड़ी के तौर पर आपके उतार-चढ़ाव होंगे। अच्छे खिलाड़ियों को आप एक मैच कम देने से अधिक मैच देना पसंद करते हैं। इसलिए उस संतुलन को सही रखना हमेशा कठिन होता है। हर कोई इससे गुजरता है, हर टीम इससे गुजरती है। कोई भी क्रिकेट टीम कभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं होती। आप हमेशा इस बात की तलाश में रहते हैं कि आप इसे कैसे बेहतर बना सकते हैं। इसलिए आप लगातार खिलाड़ियों को लाते रहते हैं, खिलाड़ियों को बाहर निकालते रहते हैं, लेकिन जब आपको सुपरस्टार मिलते हैं, तो आप चाहते हैं कि वे जितना संभव हो सके उतना लंबा खेलें। इसलिए कभी-कभी आप उन्हें थोड़ा अधिक लंबा खेलने देते हैं।'

    आयु बढ़ने से घटती है एकाग्रता

    अचानक आयु बढ़ने के बाद खिलाड़ियों के प्रदर्शन में क्यों गिरावट आ जाती है, यह पूछने पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई भी विराट को टीम से बाहर निकालना चाहेगा। मुझे नहीं लगता कि इस आयु में खिलाड़ी के हाथ और आंख का समन्वय कम हो जाता है। मुझे लगता है कि यह मानसिक क्षमता, ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता प्राप्त करने की क्षमता का सवाल है। शायद जैसे-जैसे आप थोड़े बूढ़े होते हैं, यह कम होता जाता है, लेकिन मैं इस तर्क को नहीं मानता कि हाथ-आंख का समन्वय समाप्त हो जाता है। आपकी समझ चली जाती है। आप उस अवस्था में पहुंच जाते हैं, जहां आप उतना एकाग्र नहीं हो पाते जितना आप पहले हो पाते थे। आपका जीवन बदल जाता है, आप शादी कर लेते हैं, आपका परिवार बन जाता है। अचानक आपके दिमाग में ऐसी दूसरी चीजें आ जाती हैं जो पहले नहीं आ रही थीं। इसलिए आप पहले की तरह एकाग्र नहीं हो पाते हैं। इस स्तर पर रन बनाने, इस स्तर पर विकेट लेने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है। इसके लिए किसी गुरु, कोच या दोस्त से बातचीत कर सकते हैं जो आपको याद दिलाते हों कि आपको किस बारे में सोचना चाहिए। अगर आप पहले की तरह सोच सकते हैं.. और भारत में, पैसा भी एक बड़ा मुद्दा है। एक बार जब आप खेल से बाहर हो जाते हैं।

    स्वयं को पता होता है संन्यास लेने का आ गया समय

    संन्यास लेना हो तो स्वयं से क्या बात करनी चाहिए, इस पर पूर्व भारतीय कोच चैपल ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह एक व्यक्ति के तौर पर आप पर निर्भर करता है। मुझे याद है कि जब मेरे भाई ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था, तो मैंने कहा था, तुम्हारे अंदर अभी बहुत क्रिकेट बाकी है। उसने कहा, दोस्त, तुम्हें किसी को बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और मुझे किसी को बताने की जरूरत नहीं पड़ी। मुझे पता था कि संन्यास लेने का समय आ गया है। सवाल यह है कि क्या आप यह स्वीकार करना चाहते हैं कि संन्यास लेने का समय आ गया है? हालांकि, आप जानते हैं कि समय आ गया है। यह केवल इस बात पर निर्भर करता है कि आप ऐसा करना चाहते हैं या नहीं।