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    दादा का दावा- तीन महीने और कुछ रणजी मैच खिला दो, मैं भारत के लिए आज भी रन बना दूंगा

    By Vikash GaurEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jul 2020 12:04 PM (IST)

    भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सौरव गांगुली ने कहा है कि मुझे तीन महीने की ट्रेनिंग और कुछ रणजी मैच खिला दो मैं आज भी टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रन बना दूंगा।

    दादा का दावा- तीन महीने और कुछ रणजी मैच खिला दो, मैं भारत के लिए आज भी रन बना दूंगा

    नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआइ बॉस सौरव गांगुली ने एक बड़ा दावा किया है। दादा के नाम से फेमस गांगुली ने कहा है कि अगर वह तीन महीने तक ट्रेनिंग करते हैं और कुछ रणजी ट्रॉफी मैच खेलते हैं तो वह फिर से टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रन बना सकते हैं। आखिरी बार 2008 में 12 साल पहले भारत के लिए आखिरी मैच और 2011 में आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले गांगुली ने कहा कि अगर उन्हें ट्रेनिंग के लिए समय दिया जाए तो वह टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने के लिए पूरी तरह से फिट हैं।

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    48 साल के सौरव गांगुली का ये बयान उस वक्त आया है जब एक बंगाली अखबार संगबाद प्रतिदिन के इंटरव्यू में उनके करियर के आखिरी चरण के बारे में पूछा गया। गांगुली ने कहा, "अगर मुझे एकदिवसीय मैचों में दो और सीरीज दी गई होतीं, तो मैं अधिक रन बना सकता था। अगर मैं नागपुर टेस्ट मैच में रिटायर नहीं होता, तो मैं अगली दो टेस्ट सीरीजों में भी रन बना पाता। वास्तव में अब भी मुझे प्रशिक्षण के लिए छह महीने का समय दिया जाए, मुझे तीन रणजी खेलने दिए जाएं, तो मैं टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रन बनाऊंगा। मुझे छह महीने की भी जरूरत नहीं है, मुझे तीन महीने दे दो, मैं रन बनाऊंगा।"

    पूर्व भारतीय कप्तान ने ये भी सवाल किया है कि आप मुझे खेलने का अवसर नहीं दे सकते हैं, लेकिन आप मेरे अंदर के विश्वास को कैसे तोड़ेंगे? दिग्गज बल्लेबाज सौरव गांगुली ने कहा कि उन्हें 2007-08 सीजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक होने के बावजूद एकदिवसीय टीम से बाहर कर दिया गया था। इस बात का उन्हें आज तक पता नहीं है, क्यों उनको टीम से बाहर किया गया था।

    गांगुली ने आगे कहा, "यह(वनडे टीम से बाहर किया जाना) विश्वास करने योग्य नहीं था। मुझे उस कैलेंडर ईयर के सर्वोच्च स्कोररों में से एक होने के बावजूद एकदिवसीय टीम से बाहर कर दिया गया था। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका प्रदर्शन कितना अच्छा है? अगर मंच आपसे दूर कर दिया जाता है तो आप क्या साबित करेंगे? और किससे? मेरे साथ भी यही हुआ।" भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज को 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए राहुल द्रविड़ के साथ एकदिवसीय मैचों से बाहर कर दिया गया था। एक साल बाद गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।

    हालांकि, पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने घरेलू क्रिकेट में और 2012 तक आइपीएल में खेलना जारी रखा था। गांगुली के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 113 टेस्ट मैचों में 42 से ज्यादा के औसत से 7212 रन बनाए हैं, जिसमें 16 शतक शामिल हैं, जबकि 311 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 41 से ज्यादा के औसत और 22 शतकों के दम पर उन्होंने 11363 रन बनाए हैं। भारतीय कप्तान गांगुली को 2005 में ग्रेग चैपल की कोचिंग के दौरान कप्तानी से हटाए जाने के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका सीरीज में जोरदार वापसी की और फिर सैकड़ों रन बनाए। सचिन तेंदुलकर समेत कई खिलाड़ी कहते हैं कि उन्होंने कभी भी गांगुली की बल्लेबाजी के उस रूप को नहीं देखा था।