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गौतम गंभीर ने भारतीय टीम को लगाई लताड़, बोले- मानसिक तौर पर कमजोर है टीम

ICC T20 World Cup 2021 के सुपर 12 में टीम इंडिया अपना दूसरा मैच भी हार गई है और इस हार के कारण टीम इंडिया का सेमीफाइनल में पहुंचना कठिन हो गया है क्योंकि टीम इंडिया को बस तीन और मैच खेलने हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 01 Nov 2021 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 01 Nov 2021 10:58 AM (IST)
गौतम गंभीर ने भारतीय टीम को लगाई लताड़, बोले- मानसिक तौर पर कमजोर है टीम
टीम इंडिया मानसिक तौर पर कमजोर है (फोटो एएफपी)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को नहीं लगता कि विराट कोहली की टीम में रविवार को टी20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ 8 विकेट से हार के बाद आइसीसी टूर्नामेंट में नाकआउट मैच जीतने की मानसिक शक्ति है। भारत को अपने अभियान को पुनर्जीवित करने के लिए न्यूजीलैंड को हराना था और उम्मीद की जा रही थी कि टीम इंडिया कड़ी मेहनत से कीवी टीम के खिलाफ वापसी करेगी, लेकिन दुबई के मैदान पर इसके बिल्कुल विपरीत हुआ।

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भारतीय टीम ने 20 ओवर खेलकर 7 विकेट खोकर 110 रन बना सकी और न्यूजीलैंड की टीम 14.3 ओवर में 2 विकेट खोकर मैच को जीत ले गई। यहां से भारत अपने आखिरी तीन मैच जीत भी जाता है फिर भी टीम इंडिया को दूसरी टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा। हालांकि, गंभीर को लगता है कि विराट कोहली के नेतृत्व वाली मौजूदा भारतीय टीम में महत्वपूर्ण मैच जीतने के लिए मानसिक शक्ति की कमी है, यही वजह है कि पिछले दो वर्षों में उन्होंने बड़े टूर्नामेंटों में नाकआउट मैच गंवाए हैं।

क्रिकइंफो पर पूर्व भारतीय ओपनर ने कहा, "हां प्रतिभा एक चीज है, आपके पास सभी स्किल्स हैं और द्विपक्षीय सीरीजों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन जब इस तरह के खेलों और टूर्नामेंटों की बात आती है, तो यह तब होता है जब आपको खड़े होकर प्रदर्शन करना होता है। यह मैच सचमुच क्वार्टर फाइनल जैसा था। समस्या टीम की मानसिक दृढ़ता के साथ है। अचानक जब आपको पता चलता है कि आपको गेम जीतना है और आप गलती नहीं कर सकते तो गलती कर जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा, "द्विपक्षीय मैचों में यह अलग है, क्योंकि आप वहां गलतियां कर सकते हैं, लेकिन इस तरह के खेलों में मुझे नहीं लगता कि भारत के पास वह मानसिक मजबूती है। उनके पास कौशल है और वे बहुत खतरनाक टीम हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, हम इसके बारे में बात करना जारी रख सकते हैं कि हमें अपनी टीम के साथ खड़े रहने की जरूरत है जब यह अच्छा नहीं कर रही है, लेकिन यह एक चलन है और यह आइसीसी के अधिकांश टूर्नामेंटों में बहुत लंबे समय से हो रहा है, चाहे वह सेमीफाइनल हो या ये मैच भी।"


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