Dean Elgar का सनसनीखेज खुलासा, राजनीति के कारण खत्म हुआ करियर; बोले- पता होता तो कभी कप्तानी...
साउथ अफ्रीका के पूर्व टेस्ट कप्तान डीन एल्गर ने हाल ही में अपने संन्यास को लेकर एक बड़ा चौंकाने वाला बयान दिया। डीन ने कहा कि रेड-बॉल कोच शुकरी कॉनराड ने उन्हें कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया था क्योंकि वरिष्ठ सलामी बल्लेबाज प्रोटियाज के लिए उनकी भविष्य की योजनाओं में नहीं थे। डीन एल्गर ने हाल ही में खुलासा किया कि वे राजनीति का शिकार हुए हैं।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका के पूर्व टेस्ट कप्तान डीन एल्गर (Dean Elgar) ने अपने संन्यास को लेकर चुप्पी तोड़ी हैं। उन्होंने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया। डीन एल्गर ने दावा किया कि साउथ अफ्रीका क्रिकेट राजनीति से भरा हुआ है और उन्हें मजबूरी में इन पॉलिटिक्स के चक्कर में कप्तानी गंवानी पड़ी और साथ ही संन्यास लेना पड़ा।
Dean Elgar ने किया दावा, कप्तानी छुड़वाने में हुई राजनीती
दरअसल, साउथ अफ्रीका के पूर्व टेस्ट कप्तान डीन एल्गर (Dean Elgar) को में रेड-बॉल कोच शुकरी कॉनराड ने कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया था, क्योंकि वरिष्ठ सलामी बल्लेबाज प्रोटियाज के लिए उनकी भविष्य की योजनाओं में नहीं थे।
डीन एल्गर ने हाल ही में खुलासा किया कि नेवे राजनीति का शिकार हुए हैं। डीन एल्गर ने रैपर्ट अखबार से बातचीत करते हुए बताया कि मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता था जब मैंने क्रिकेट में कदम रखा, लेकिन जब मैं कप्तान बना तो मुझे पता चला कि आपको पूरा पॉलिटिशियन और एडमिनिस्ट्रेशन बनना पड़ता हैं। मैं एक पार्ट टाइम क्रिकेटर और फुल टाइम पॉलिटिशियन बना, जो मैं कभी भी बनना नहीं चाहता और ना कभी बनना चाहता हूं।
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‘मुझे पहले पता होता तो कभी कैप्टनेंसी स्वीकार नहीं करता’
एल्गर ने आगे कहा कि मैं एक स्पोर्ट्समैन हूं, ना कि एक पॉलिटिशियन और क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन, लेकिन मुझे इन सबके बीच में फंसना पड़ा। अगर मुझे इसके बारे में पहले पता होता तो मैं कभी भी कैप्टनेंसी को स्वीकार नहीं करता।
डीन एल्गर ने कहा कि उनकी कप्तानी में साउथ अफ्रीका की टीम ने भारत, बांग्लादेश और वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वालिफाई किया, लेकिन फिर भी उन्हें सम्मान नहीं दिया गया।
एल्गर ने आगे कहा कि ऐसा महसूस हुआ मानो उन्होंने पिछले डेढ़ साल में मेरी सारी मेहनत को नहीं पहचाना, कि उन्हें एहसास ही नहीं हुआ कि एक टीम के रूप में हमने कितना सुधार किया है। दुनिया में छठे या सातवें स्थान पर रहने से हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेलने की क्षमता वाली टीम बन गए।
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