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पूर्व क्रिकेटर बोले, बस अब बहस खत्म, ये है विकेटकीपर सहवाग जैसा बिंदास है, फिलहाल सबसे अच्छा

पूर्व भारतीय विकेटकीपर अजय रात्रा ने इस बात साफ किया कि फिलहाल यह बस खत्म हो जानी चाहिए। पंत ने हालिया दिनों में ऐसा खेल दिखाया है जिसने उनके साहा से मुकाबले रेस में आगे कर दिया। वह वीरेंद्र सहवाग जैसे बिंदास बल्लेबाज हैं।

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 05:39 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 09:38 PM (IST)
पूर्व क्रिकेटर बोले, बस अब बहस खत्म, ये है विकेटकीपर सहवाग जैसा बिंदास है, फिलहाल सबसे अच्छा
रिद्धिमान साहा के साथ रिषभ पंत- फोटो ट्विटर पेज

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज को लेकर लगातार बहस चल रही थी। इस में रिद्धिमान साहा और रिषभ पंत के बीच किसको मौका मिलना चाहिए इसपर दिग्गज अपनी अपनी राय रखते हैं। पूर्व भारतीय विकेटकीपर अजय रात्रा ने इस बात साफ किया कि फिलहाल यह बस खत्म हो जानी चाहिए। पंत ने हालिया दिनों में ऐसा खेल दिखाया है जिसने उनके साहा से मुकाबले रेस में आगे कर दिया।

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रात्रा ने कहा, "मैं लोगों की तुलना करने में ज्यादा विश्वास नहीं रखता हूं। अपने अपने अलग तरीके से दोनों ही बहुत अच्छे हैं। रिद्धिमान साहा ज्यादा पारंपरिक हैं। रिषभ पंत एक दम से बिंदास है बिल्कुल वीरेंद्र सहवाग की तरह। दोनों का ही अंदाज एक दूसरे से जुदा है। इसमें भी कोई शक भी नहीं कि साहा के पास अनुभव ज्यादा है लेकिन रिषभ काफी सुधार कर रहे हैं और मुश्किल वक्त में अच्छी बल्लेबाजी की है। इसका मतलब यह नहीं है कि साहा अच्छे बल्लेबाज नहीं हैं। उनको किसी को भी कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है।"

आगे उन्होंने कहा, "एक परिपूर्ण पैकेज के तौर पर पंत काफी आगे नजर आते हैं खासकर जैसा प्रदर्शन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में दिखाया उसके बाद। यह बात अलग है पंत के खेलने के अंदाज से यही मालूम होता था कि वह छोटे फॉर्मेट में ही ज्यादा सफल होंगे। लेकिन उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत की अलग अलग परिस्थितियों में जैसा शानदार खेल दिखाया है उससे वह बहुत ही बेहतर उभरकर आए हैं। यही उनकी सबसे बड़ी चीज है।"

"जिस तरह से उन्होंने अलग अलग परिस्थिति के अनुसार खुदकर ढाला है इसी कि वजह से वह इतने खास हो जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया में जैसी परिस्थिति की मांग थी, बल्लेबाजी करने के मुताबिक स्थिति अच्छी नहीं थी तो उन्होंने वक्त का इंतजार किया। जब उनको ऐसा लगा कि अब वक्त सही है तो उन्होंने गेंदबाजों पर आक्रमण किया और हर एक के खिलाफ रन बनाने लगे।"

फिलहाल बस खत्म हो जानी चाहिए, रात्रा बोले, "वह महज दो से तीन ओवर में बड़ी तेजी से 30 से 35 रन बना सकते हैं। उनके पास ऐसी कला है। कब रन बनाने की गति बढ़ानी है और कब नहीं इसको लेकर मैं उनकी तारीफ करता हूं। जैसे वह परिस्थिति के मुताबिक ढलना जानता हैं। यह कहा आसान तो नहीं है लेकिन पंत ने अब विकेटकीपर को लेकर चल रही बहस को अंत कर दिया है, कम से कम फिलहाल के लिए तो जरूर।"  


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