चाइनामैन कुलदीप ने बताया कि क्यों वेस्टइंडीज के खिलाफ वो हुए इतने सफल
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में कुलदीप यादव ने पांच विकेट लिए।
राजकोट, प्रेट्र। पॉल एडम्स के बाद टेस्ट क्रिकेट में पांच विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे चाइनामैन गेंदबाज बने कुलदीप यादव ने कहा कि उनका यह प्रदर्शन इसीलिए अच्छा हुआ है, क्योंकि उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट के बाद अपनी तकनीक पर काम किया था।
कुलदीप ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में सिर्फ एक बार ही गेंदबाजी की थी और वह विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पाए थे। कुलदीप ने टीम से निकाले जाने के बाद लाल गेंद से काफी अभ्यास किया। इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में खेलने का मौका मिला। कुलदीप ने मैच के बाद कहा कि कलाई के गेंदबाज के लिए सफेद गेंद से लाल गेंद क्रिकेट में ढलना मुश्किल होता है। यह चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि आपको सहज होने में समय लगता है। सफेद गेंद सख्त होती है, उसकी ग्रिप अच्छी होती है, जबकि लाल गेंद मुलायम होती है और पकड़ बनाने में मुश्किल होती है।
कुलदीप ने आगे कहा कि इंग्लैंड से लौटने के बाद मैं अपने कोच कपिल देव पांडे के पास कानपुर गया। तीन-चार दिन मैंने लाल गेंद से गेंदबाजी की। यह बेहद मुश्किल था क्योंकि जब आप सफेद गेंद क्रिकेट खेलते हो तो आप लाल गेंद से रिदम नहीं बना पाते हो। मैं सिर्फ लाल गेंद को छोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। लाल गेंद से आपको धीमी गेंद फेंकने की जरूरत होती है। इंग्लैंड में नौ ओवर में एक भी विकेट नहीं ले पाने के जवाब में उन्होंने कहा कि शुरुआत में मैं वहां अच्छी लेंथ पर गेंद फेंकने का प्रयास कर रहा था। उस वक्त मैं ड्यूक गेंद का अनुभवी भी नहीं था। ड्यूक गेंद, एसजी गेंद से ज्यादा सख्त होती है। आपको इस गेंद से गेंदबाजी के लिए ढलने के लिए 10 से 15 दिन लगते हैं।