'टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान मत देना लड़कों', रिटायरमेंट के बाद चेतेश्वर पुजारा ने युवाओं को दिया बड़ा मैसेज, सेलेक्शन को लेकर मारे ताने
हाल ही में क्रिकेट से दूरी बनाने वाले भारत के पूर्व बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने युवा क्रिकेटरों को करियर के लिए सलाह दी है। पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में अपने अनुभव के आधार पर कहा कि युवाओं को केवल टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि व्हाइट बॉल क्रिकेट पर भी ध्यान देना चाहिए।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले भारत के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने आने वाली पीढ़ी को हैरान करने वाली सलाह दी है। पुजारा ने बीते रविवार क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था। वह 2023 के बाद से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे और वापसी की कोशिशों में लगे थे जो असफल रहीं। रिटायरमेंट के बाद अब पुजारा ने देश के युवाओं को करियर बनाने वाली सलाह दी है।
पुजारा भारत के टेस्ट विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते थे और इसी कारण वह आईपीएल में ज्यादा चल नहीं पाए। उनका आईपीएल करियर काफी लंबा नहीं रहा। पुजारा ने माना कि आज के समय में टेस्ट क्रिकेट में भी आईपीएल प्रदर्शन के आधार पर चयन होता है।
सिर्फ टेस्ट क्रिकेट पर मत दो ध्यान
पुजारा ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में टेस्ट क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान दिया। युवाओं को संदेश देते हुए दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि समय बदल रहा है और इसलिए युवाओं को सिर्फ टेस्ट क्रिकेट पर फोकस नहीं करना चाहिए। पुजारा ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं किसी भी युवा खिलाड़ी से ये नहीं कहूंगा कि आप सिर्फ टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान दो क्योंकि समय बदल रहा है। व्हाइट बॉल गेम काफी मशहूर हैं और आपको वो चीजें कबूल करनी होगीं जिनका भविष्य है। भविष्य निश्चित तौर पर व्हाइट बॉल का है टेस्ट के साथ।"
टेस्ट क्रिकेट को कुछ नहीं होगा
टी20 के मशहूर होने के बाद टेस्ट क्रिकेट पर संकट बताया जा रहा है। हालांकि, पुजारा का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट कहीं नहीं जा रहा। पुजारा ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट कहीं नहीं जा रहा। ये बना रहेगा। लेकिन एक युवा लड़के को भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए या तो आईपीएल में अच्छा करना होगा या फिर भारत के लिए वनडे और टी20 में। अगर आप सफेद गेंद के अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं तो आपके टेस्ट टीम में चुने जाने की संभावना सीमित है। कुछ अपवाद हो सकते हैं। रणजी ट्रॉफी में बहुत ही उम्दा खेल दिखाने वाले खिलाड़ी को चुना सकता है, लेकिन ऐसे मामले कम होते हैं।"
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