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द्रविड़ की मौजूदगी में बल्लेबाजी कोच की क्या जरूरत : अमिताभ

राठौर कपूर के रिश्तेदार हैं और बीसीसीआइ के नए संविधान के अनुसार यह हितों के टकराव का प्रत्यक्ष मामला बन सकता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:06 PM (IST)
द्रविड़ की मौजूदगी में बल्लेबाजी कोच की क्या जरूरत  : अमिताभ
द्रविड़ की मौजूदगी में बल्लेबाजी कोच की क्या जरूरत : अमिताभ

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज विक्रम राठौर को भारत-ए और अंडर-19 टीमों का बल्लेबाजी कोच की नियुक्ति की खबर तूल पकड़ चुकी है। ताजा मामले में बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी को मेल लिखकर राठौर की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं।

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चौधरी ने लिखा कि मैंने भारत-ए टीम के लिए बल्लेबाजी कोच के रूप में विक्रम राठौर की नियुक्ति की खबर पढ़ी और मुझे याद नहीं आ रहा है कि कहीं भी इस पद के लिए कोई विज्ञापन दिया गया हो, जिससे मैं हैरान हूं।

चौधरी ने अपने मेल में बल्लेबाजी कोच की जरूरत पर ही सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा कि क्या वास्तव में इसमें प्रक्रिया का पालन किया गया था? पहले किसने कहा कि बल्लेबाजी कोच की जरूरत थी (जब राहुल द्रविड़ जैसा कोच पहले से ही मौजूद हो) और विक्रम राठौर के नाम का प्रस्ताव किसने रखा? राहुल को जानने के बाद मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि भले ही उन्होंने एक नाम की सिफारिश की होगी, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा होगा कि विक्रम की सेवाएं लेने के लिए प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाना चाहिए। मैं यह भी देखता हूं कि मीडिया में हितों के टकराव का मामला उठाया गया है और मैं हैरान हूं कि निर्णय लेने वाले व्यक्तियों को ही इसके बारे में पता नहीं है। इसके अलावा सबा करीम और विक्रम राठौर ने लगभग चार वर्षो तक चयनकर्ताओं के रूप में काम किया और मेरे लिए यह विश्वास करना मुश्किल है कि इस तरह के विवरण के बारे में पता नहीं था। यह देखते हुए कि विक्रम एक ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हैं, क्या यह एक ऐसा ज्ञात फैसला था कि हम एक विदेशी कोच को नियुक्त कर रहे हैं? चौधरी ने अपने इस मेल की कॉपी प्रशासकों की समिति (सीएओ) के सदस्य विनोद राय और डायना इडुल्जी के अलावा बोर्ड प्रमुख सीके खन्ना के अलावा दूसरे पदाधिकारियों को भी भेज है।

मालूम हो कि राठौर अंडर-19 राष्ट्रीय चयनकर्ता आशीष कपूर के रिश्तेदार हैं, जिसके कारण उनकी नियुक्ति से 'हितों का टकराव' विवाद हो सकता है। राठौर कपूर के रिश्तेदार हैं और बीसीसीआइ के नए संविधान के अनुसार यह हितों के टकराव का प्रत्यक्ष मामला बन सकता है। रणजी ट्रॉफी में पहले पंजाब और फिर हिमाचल प्रदेश के लिए काफी रन बनाने वाले राठौर 1996 में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में कुछ टेस्ट खेले। वह 2016 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रह।


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