छत्तीसगढ़ में हजार करोड़ एनजीओ घोटाला, आइएएस अफसरों ने हाई कोर्ट में पेश किया जवाब
एक हजार करोड़ रुपये के एनजीओ घोटाला को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। अफसरों के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जवाब का अध्ययन करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है।
बिलासपुर, ऑनलाइन डेस्क । हाई कोर्ट के निर्देश पर घोटाले में फंसे आधा दर्जन से अधिक आइएएस अधिकारियों ने अपना जवाब पेश कर दिया है। एक हजार करोड़ रुपये के एनजीओ घोटाला को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। अफसरों के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जवाब का अध्ययन करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है। आगे की सुनवाई की तिथि तय की गई है।
जानकारी हो कि रायपुर निवासी कुंदन सिंह ने अपने वकील के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सहित आधा दर्जन आइएएस अधिकारियों के खिलाफ फर्जी तरीके से एनजीओ बनाकर एक हजार करोड़ से अधिक का घोटाला करने का आरोप लगाया है। वहीं, याचिकाकर्ता ने अपने आरोप के संबंध में दस्तावेज भी पेश किया है। याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मामले की जांच कराने और विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट के निर्देश पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने जांच कमेटी का गठन कर गड़बड़ियों की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री ने डिवीजन बेंच के सामने रिपोर्ट पेश करते हुए फर्जीवाड़ा की पुष्टि की थी। तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री की रिपोर्ट के बाद डिवीजन बेंच ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए घोटाले की सीबीआइ जांच कराने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ जबलपुर ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी थी। इसी बीच घोटाले के आरोप में फंसे आइएएस व राज्य सेवा संवंर्ग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सीबीआइ जांच पर रोक की मांग की थी।
प्रकरण की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ जांच पर रोक लगाते हुए प्रकरण की सुनवाई के लिए याचिका छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को वापस भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट ने दोबारा एक हजार करोड़ के घोटाले में फंसे आइएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के निर्देश पर आइएएस अधिकारियों ने अपने वकील के जरिए डिवीजन बेंच के समक्ष जवाब पेश कर दिया है।
क्या है मामला
समाज कल्याण विभाग के अधीन राज्य स्रोत नि:शक्तजन संस्थान में गुपचुप तरीके से सरकारी धन हड़पने का खेल लंबे समय से चल रहा था। 17 जुलाई 2018 को संचालक कोष एवं लेखा विभाग ने दस्तावेजों की पड़ताल की। विशेष ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार भाग दो में जो दस्तावेज सौंपे गए उसमें गड़बड़ियों की भरमार निकली। आडिट के दौरान कुल 31 प्रकार की अनियमितताएं पाई गई थी। रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्टया पांच करोड़ 67 लाख दो हजार 346 रुपये का फर्जीवाड़ा मिला था। समाज कल्याण विभाग में एक हजार करोड़ रुपये के घोटाले में प्रदेश के सात आइएएस व पांच राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर रायपुर निवासी शासकीय कर्मचारी कुंदन सिंह ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने रिट याचिका को जनहित याचिका के रूप में दायर करने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए थे।