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    Vivah Muhurat July 2022: जुलाई में विवाह के बस तीन मुहूर्त, फिर चार माह बाद सुनाई देगी शादी की शहनाई

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jul 2022 11:31 AM (IST)

    Vivah Muhurat July 2022 देवशयनी एकादशी तिथि 10 जुलाई को है। इससे पहले जुलाई में शादी के बस तीन शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद चतुर्मास शुरू हो जाएगा। गवान ...और पढ़ें

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    Vivah Muhurat July 2022: आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन काल में चले जाएंगे

    रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन काल में चले जाएंगे और चार माह तक विश्राम करेंगे। इस काल में केवल पूजा, सत्संग और भगवान की विभिन्न कथाओं का वचन और पाठन किया जा सकता है। देवशयनी एकादशी तिथि 10 जुलाई को है। इससे पहले विवाह के लिए केवल तीन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त हैं। देवशयनी एकादशी पर मौसी के घर से भगवान जगन्नाथ के लौटने से सभी प्रकार के शुभ संस्कार बंद हो जाएंगे। चतुर्मास शुरू हो जाएगा और कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के चार महीने बाद तुलसी विवाह के बाद शुभ संस्कार फिर से शुरू होंगे।

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    भड़ली नवमी पर अंतिम मुहूर्त

    8 जुलाई को भड़ली नवमी है, विवाह संस्‍कार के लिए ये दिन शुभ माना जाता है। इस दिन गुप्‍त नवरात्रि भी समाप्‍त हो रहे हैं। चातुर्मास से पूर्व विवाह समारोह के लिए ये अंतिम अवसर है। 5 और 6 जुलाई को शुभ मुहूर्त में विवाह हो सकता है। ये जानकारी महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्‍ला से प्राप्‍त हुई है।

    पाताल लोक में विश्राम करेंगे विष्णु-लक्ष्मी

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि से तीन पग भूमि दान करने को कहा। सिर्फ दो चरणों में पूरे ब्रह्मांड को नापा गया। तीसरे चरण के लिए राजा बलि ने अपना सिर आगे रखा था। भगवान ने प्रसन्न होकर वरदान दिया। राजा बलि ने भगवान से अपने साथ पाताल लोक में रहने का वरदान मांगा था। भगवान विष्णु अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ क्षीर सागर में भी निवास करते थे। इस अवधि को भगवान की विश्राम अवधि माना जाता है, जिसे चातुर्मास भी कहा जाता है। चातुर्मास में भगवान की कथा सुनने, पूजा करने, पाठ करने, हवन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    4 नवंबर को विष्णु को जगाने की परंपरा का पालन करेंगे

    10 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल एकादशी, देवशयनी एकादशी से भगवान के शयन काल की शुरुआत होगी। चार माह बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी, देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु को जगाने की परंपरा निभाई जाएगी। देव उठनी एकादशी 4 नवंबर को पड़ रही है। इस दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी का वृंदा रूप में विवाह होगा। ग्रहों के अस्त होने के कारण विवाह मुहूर्त 26 नवंबर से शुरू होगा।

    विवाह मुहूर्त

    माह मुहूर्त

    जुलाई 5, 6 और 8

    नवंबर 26, 27 और 28

    दिसंबर 2, 3, 47, 8, 9, 13 और 15