नक्सलियों ने पहले ही रचा था जवानों के खिलाफ चक्रव्यूह, जवानों के रूट मैप से लेकर सभी चीजों की थी जानकारी
दांतेवाड़ में हुई नक्सली घटना को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था। नक्सली पहले ही घात लगाकर बैठे थे। उन्हें जवनों के रूट मैप से लेकर सभी चीजों की जानकारी थी। नक्सलियों ने जवानों की दूसरी गाड़ी पर हमला किया था। (जागरण फोटो)

दंतेवाड़, ऑनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ में 26 अप्रैल बुधवार को नक्सली हमला हुआ था। जिसके चलते हमने अपने 10 जवानों को गंवा दिया था। दांतेवाड़ में हुई नक्सली घटना को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था। नक्सली पहले ही घात लगाकर बैठे थे। जिसके बाद उन्होंने मौका पाते ही हमला कर दिया। नक्सलियों ने जिस जगह पर विस्फोट किया था, उससे पता चलता है कि नक्सलियों को पहले से ही जवानों के आने- जाने का रुट मैप पता था।
गाड़ी की गति धीमी होते ही किया विस्फोट
नक्सलियों ने पूरी प्लानिंग के साथ धावा बोला था। जानकारी के मुताबिक जिस जगह विस्फोट हुआ था, वहां दो दिन पहले ही आमा तिहार मनाने के लिए नाका लगाया गया था। इसके कारण ही उस रास्ते से आ रही जवानों की गाड़ी की गती धीमी हुई थी। इससे नक्सलियों को विस्फोट करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया और उन्होंने जवानों की गाड़ी को विस्फोट कर उड़ा दिया।
मलांगिर एरिया कमेटी पर है शक
बस्तर क्षेत्र में टैक्टीकल काउंटर आफेंसिव कैम्पेन (टीसीओसी) में दो वर्ष की असफलता से बौखलाए नक्सलियों को आखिरकार सुरक्षा बल पर बड़ा हमला करने का मौका मिल गया। जानाकारी के मुताबिक दांतेवाड़ में हुई इस हमले के पीछे क्षेत्र के सक्रिय मलांगिर एरिया कमेटी का हाथ होने की बात कही जा रही है। दंतेवाड़ा जिले में नौ अप्रैल 2019 को श्यामगिरी में विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हुए हमले के बाद नक्सलियों ने ये यह पहली बड़ी घटना की है।
आइईडी से किया ब्लास्ट
गौरतलब है कि दांतेवाड़ के अरनपुर क्षेत्र में जवानों का काफिला नक्सल विरोधी अभियान से लौट रहा था। इसी बीच, पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों के काफिले की वाहन को निशाना बनाकर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्जोसिवज डिवाइज (आइईडी) से ब्लास्ट कर दिया। इस वाहन में सुरक्षा बल के डीआरजी दस्ते के 10 जवान बलिदान हो गए थे। साथ ही इस घटना में गीदम के रहने वाले एक वाहन चालक की भी मौत हो गई थी।
स्माल एक्शन टीम ने किया था हमला
सुरक्षा बल के अधिकारियों का मानना है कि जिस तरीके से दांतेवाड़ में नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया है तो इसको नक्सलियों की स्माल एक्शन टीम द्वारा अंजाम दिया गया है। वहीं उनका कहना है कि नक्सली विरोधी अभियान के कारण पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बल के कैम्प लगे हुए थे, ऐसे में नक्सलियों को बड़े संख्या बल के साथ मूवमेंट करना आसान नहीं था तभी इस घटना को स्माल एक्शन टीम ने अंजाम दिया था।
गांव की वेशभूषा में ताक लगाए बैठे थे नक्सली
नक्सलियों के स्माल एक्शन टीम के एक-दो सदस्य गांव की वेशभूषा में जवानों के लिए ताक लगाए बैठे थे। वे विस्फोट को अंजाम देने के तुरंत बाद ही वहां से भाग खड़े हुए। विस्फोट के आधे घंटे बाद सुरक्षा बल के जवान जब मौके पर पहुंचे तो बलिदानी जवानों के हथियार घटनास्थल पर ही बिखरे मिले, जिसे सुरक्षा बल ने अपने कब्जे में लिया है। अधिकारियों ने कहा कि अब तक जितन भी नक्सली हमले हुए हैं उनमें ट्रेनड नक्सली लड़ाके विस्फोट के बाद घात लगाकर बैकअप पार्टी पर गोलीबारी करते हैं और हथियारों को लूटकर ले जाने का प्रयास करते हैं। लेकिन इस घटना में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है।
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भाग निकलने की लिए ही दूसरे वाहन पर किया हमला
दांतेवाड़ से करीब 70-80 डीआरजी के जवान नक्सल विरोधी अभियान में निकले थे। अभियान से वापसी के बाद अरनपुर कैम्प के बाहर जवानों को ले जाने गाड़ियां इंतजार में खड़ी थी। नक्सली इस बात को भली भांति जानते थे कि वाहन में सवार होकर ही जवान वहां से वापस लौटेंगे। इस पर नक्सली नजर लगाए हुए थे और जैसे ही मौका मिला ब्लास्ट कर बड़ा नुकसान पहुंचाया। नक्सलियों को यह पता था कि पहली गाड़ी को निशाना बनाने से पीछे आ रही दूसरी गाड़ी में सवार डीआरजी के जवान बैकअप बनकर नुकसान पहुंचा सकते थे। इसलिए पहले वाहन को निकलने दिया गया ताकि विस्फोट के बाद भागने का मौका मिल सके। विस्फोट के करीब आधे घंटे बाद अरनपुर थाने से बैकअप पार्टी घटनास्थल पर पहुंची, तब तक देर हो चुकी थी।
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