Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Raipur News: नन्हे शावक को रास आ रही वन विभाग की खातिरदारी! तीन बार हाथी दल को छोड़कर पहुंचा समडमा

    जशपुर वनमण्डल अंतर्गत परिक्षेत्र तपकरा के बीच समडमा में 13 सितम्बर को हाथी दल से बिछड़ा एक नन्हा हाथी लंबे समय से वन विभाग का मेहमान बना हुआ है। वन विभाग शावक को कई बार हाथी दल के पास छोड़ती है लेकिन नन्हा शावक बार-बार वापस आ जाता है।

    By Aditi ChoudharyEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 07:21 PM (IST)
    Hero Image
    Raipur News: नन्हे शावक को रास आ रही वन विभाग की खातिरदारी! तीन बार हाथी दल को छोड़कर पहुंचा समडमा

    रायपुर, जागरण डिजिटल डेस्क। जशपुर वनमण्डल अंतर्गत परिक्षेत्र तपकरा के बीच समडमा में 13 सितम्बर को हाथी दल से बिछड़ा एक नन्हा हाथी लंबे समय से वन विभाग का मेहमान बना हुआ है। वन विभाग शावक को कई बार हाथी दल के पास छोड़ आती है, लेकिन नन्हा शावक बार-बार उनसे बिछड़ कर वापस आ जाता है। करीब डेढ़ माह का मादा हाथी शावक ईब नदी के किनारे ग्राम समडमा में आ गया था, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। नन्हे मेहमान की खबर मिलते ही परिसर रक्षक समडमा ने इसे अपने अभिरक्षा में लिया और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वन विभाग ने पशु चिकित्सक ने शावक का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद नन्हे हाथी को भोजन दिया गया। इसके बाद हाथी दल को ढूंडकर शावक को शावक को उके साथ छोड़े दिया गया। वन अमले ने रात भर हाथी दल की निगरानी की। मगर इसके अगले दिन 14 सितम्बर की सुबह नन्हा शावक दूसरी बार हाथी दल से बिछड़ गया और वापस ग्रामीण क्षेत्र में लौट आया।

    वन अमले और पशु चिकित्सकों की निगरानी में नन्हे शावक को सुरक्षित निगरानी में रखा गया। अगले दिन सुबह 8.30 बजे हाथी दल की उपस्थिति में निकटतम वन में ज्ञात करने के लिए ट्रेकिंग की गई। ट्रेकिंग दल ने शावक को फिर से हाथी दल के बीच छोड़ दिया। शावक के आवाज करने पर हाथी झुड से भी निरंतर आवाज आने लगी और शावक हाथी दल के बीच चला गया। 

    हैरानी की बात यह है कि 15 सितम्बर को शावक लगातार तीसरी बार हाथी दल से बिछड़कर ग्रामीण क्षेत्र में पहुंच गया। इस बार हाथी शावक को वन अमले ने अपने अभिरक्षा में लिया और पशु चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान उन्हें शावक के अम्बिलिकल में सूजन दिखाई दी। जिसका उपचार तत्काल प्रारम्भ कर दिया गया। वन अमले और हाथी मित्र दल हाथी दल की लगातार ट्रेकिंग कर रहे हैं। 17 सितम्बर को मालूम हुआ कि हाथियों का झुंड ओडिशा की ओर निकल गया है। 

    इधर हाथी शावक को परिसर में सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया है। उसी परिसर में दो पशु चिकित्सक निरंतर शावक की देख-रेख कर रहे हैं। हाथी शावक का विशेष ख्याल रखा जा रहा है और वन अमले द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। पशु चिकित्सकों की सलाह व सुझाव पर शावक को आहार दिया जा रहा है।