रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में 5000 छात्रों का भविष्य अधर में, बिना मान्यता चलाए गए पैरामेडिकल कोर्स
छत्तीसगढ़ का श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय विवादों के केंद्र में है। पहले राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को मेडिकल कालेज की सीटें बढ़ाने के लिए कथित रूप से रिश्वत देने और बीफार्मा छात्रों से मनमानी फीस वसूलने के आरोप लगे थे। अब पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। छात्रों से हर वर्ष एक लाख रुपये की फीस ली जा रही है।

राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ का श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय विवादों के केंद्र में है। पहले राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को मेडिकल कालेज की सीटें बढ़ाने के लिए कथित रूप से रिश्वत देने और बीफार्मा छात्रों से मनमानी फीस वसूलने के आरोप लगे थे। अब पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
छात्रों से हर वर्ष एक लाख रुपये की फीस ली जा रही है
विश्वविद्यालय में बीएमएलटी (बैचलर आफ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलाजी), डीएमएलटी (डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलाजी), डायलिसिस और ऑप्टोमेट्री जैसे पाठ्यक्रम बिना छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल की मान्यता के चलाए जा रहे हैं। छात्रों से हर वर्ष एक लाख रुपये की फीस ली जा रही है।
एक बैच पासआउट भी हो चुका है
बताया जा रहा है कि एक बैच पासआउट भी हो चुका है, लेकिन न तो उनका रजिस्ट्रेशन हुआ है और न ही वे कहीं रोजगार के लिए योग्य माने जा रहे हैं।
छात्रों का आरोप है कि प्रवेश के समय विश्वविद्यालय प्रबंधन ने यह कहकर भ्रमित किया कि सभी पाठ्यक्रम काउंसिल से मान्यता प्राप्त हैं।
जब वे रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे तो पता चला कि न तो पाठ्यक्रम को मान्यता मिली है और न ही दो या तीन वर्ष वाले पाठ्यक्रमों का राज्य में कोई रजिस्ट्रेशन होता है।
विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों का शोषण कर रहा है
विशेषज्ञों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में केवल एक वर्षीय पैरामेडिकल पाठ्यक्रम ही अधिकृत रूप से रजिस्टर्ड होते हैं। वहीं, आप्टोमेट्री कोर्स को राज्य सरकार ने पहले ही बंद कर दिया है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों का शोषण कर रहा है।
आयुष विश्वविद्यालय के डीन डॉ. पीके पात्रा का कहना है कि सर्टिफिकेट कोर्स को निजी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर नहीं चला सकते। श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के सीपीआरओ राजेश तिवारी का दावा है कि कोर्ट ने कुछ विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल को निर्देशित किया है।
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज को लेकर रिश्वत कांड का खुलासा हुआ
बता दें कि रावतपुरा मेडिकल कॉलेज को मान्यता के लिए रिश्वत के लेनदेन का पर्दाफाश सीबीआइ ने करते हुए एक जुलाई को रायपुर से छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में नामजद 35 आरोपितों में रावतपुरा सरकार (रविशंकर महाराज) का नाम भी शामिल है।
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