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    छत्तीसगढ़ में अब अबूझमाड़ के माओवादी ठिकाने ध्वस्त करने की तैयारी, सुरक्षाबल इस खास प्लान पर कर रहे काम

    Updated: Tue, 20 May 2025 06:28 AM (IST)

    तेलंगाना सीमा पर स्थित करेगुट्टा पहाड़ी में माओवादियों के सुरक्षित ठिकाने पर सुरक्षा बलों ने निर्णायक बढ़त बनाई है। अब अबूझमाड़ और आइटीआर में माओवादी ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा। सुरक्षा बल अबूझमाड़ क्षेत्र में अभियान चलाने की रणनीति बना रहे हैं। छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा पर माओवादियों के कॉरिडोर को केंद्रित किया जाएगा। एनटीआरओ से मिली सूचना के आधार पर माओवादियों के ठिकानों पर कार्रवाई होगी।

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    छत्तीसगढ़ में अब अबूझमाड़ व आइटीआर के माओवादी ठिकाने ध्वस्त करने की तैयारी। (फाइल फोटो)

    जेएनएन, तेलंगाना। तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी में माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने पर निर्णायक बढ़त के बाद अब सुरक्षा बल के निशाने पर अबूझमाड़ और आइटीआर (इंद्रावती टाइगर रिजर्व) के माओवादी ठिकाने होंगे।

    सुरक्षा बल अबूझमाड़ क्षेत्र को लेकर बना रहे खास रणनीति

    सुरक्षा बल अबूझमाड़ क्षेत्र में और भी अधिक अंदर जाकर अभियान चलाने की रणनीति तैयार कर रही है। इसमें छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा पर माओवादियों के कारिडोर को केंद्रित कर अभियान चलाया जाएगा। माओवादियों के विरुद्ध इस अभियान में भी एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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    माओवादियों के ठिकानों को लक्षित करने की होगी कोशिश

    एनटीआरओ के उपग्रह व ड्रोन के माध्यम से मिली सूचना के आधार पर माओवादियों के ठिकानों को लक्षित किया जाएगा। सुरक्षा बल के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बस्तर में दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में बने वाररूम में पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर आगामी रणनीति की समीक्षा की।

    'माओवादियों का कोई भी ठिकाना अब सुरक्षित नहीं'

    अधिकारियों ने दावा किया कि बस्तर में माओवादियों का कोई भी ठिकाना अब सुरक्षित नहीं है। माओवादियों के सामने समर्पण कर मुख्यधारा में लौटना ही एकमात्र रास्ता रह गया है। बता दें कि तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा से सटे और लगभग पांच हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले अबूझमाड़ के दुर्गम इलाके में माओवादियों के प्रशिक्षण कैंप और शीर्ष नेताओं के ठिकाने हैं। पिछले डेढ़ वर्ष में सुरक्षा बलों ने यहां कई ठिकाने ध्वस्त किए और 100 से अधिक माओवादियों को मार गिराया।