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    Special Drone: तीन कैमरे वाला विशेष ड्रोन का डिजाइन तैयार, आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने में मिलेगी मदद

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Tue, 31 Jan 2023 05:47 PM (IST)

    पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीन कैमरों वाला विशेष तरह के ड्रोन का डिजाइन बनाया है। यह 100 मीटर की ऊंचाई से भी उच्चस्तरीय और स्पष्ट फोटो व वीडियो बना सकता है।

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    ड्रोन तकनीक पर विमर्श करते डा. आलोक कुमार सिंह (दाएं) और विज्ञानी रोहित राजा।

    मनीष मिश्रा, रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीन कैमरों वाला विशेष तरह के ड्रोन का डिजाइन बनाया है। यह 100 मीटर की ऊंचाई से भी उच्चस्तरीय और स्पष्ट फोटो व वीडियो बना सकता है। केंद्र सरकार की ओर से 20 साल के लिए इसका पेटेंट भी मिल गया है। यह नक्सली व आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने में उपयोगी सिद्ध होगा। इससे अपराध रोकने में बहुत मदद मिलेगी।

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    ड्रोन के लिए मिली डीआरडीओ की मंजूरी

    डॉ. संजय कुमार ने बताया कि इस ड्रोन की डिजाइन बनाने के बाद पेटेंट कराने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से अनुमति ली गई है। कहीं ऐसा ड्रोन डीआरडीओ तो नहीं बना रहा, इस मकसद से अनुमति लेना पड़ा। अभी तक बाजार में जितने भी ड्रोन मिलते हैं, उनमें एक या दो कैमरे ही होते हैं। यह पहला ड्रोन है, जिसमें तीन कैमरे हैं। डा. कुमार ने बताया कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के आइटी विभाग के विभागाध्यक्ष रोहित राजा, कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष अलोक कुमार सिंह कुशवाहा और कंप्यूटर साइंस विभाग की उपासना सिन्हा ने यह ड्रोन डिजाइन बनाने में मदद की है। इसे बनाने में दो साल का समय लगा है।

    विशेष ड्रोन में कई चीजों पर किया गया है काम

    डॉ. कुमार के अनुसार, अभी बाजार में जो ड्रोन हैं, वे कई बार साफ तस्वीरें नहीं ले पाते। वीडियो भी उतना स्पष्ट नहीं रिकॉर्ड होता। जहां सुरक्षा की बात हो, वहां बारीक से बारीक चीजों का कैमरे में आना जरूरी होता है। बाजार में उपलब्ध ड्रोन में कई बार यह चूक हो जाती है। तीन कैमरों वाले इस ड्रोन से इसका समाधान निकल जाएगा। डॉ. संजय कुमार ने बताया कि पेटेंट मिलने के बाद इसके व्यवसायीकरण के लिए भी प्रयास शुरू कर दिया गया है। इसे बनाने के लिए कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है, लेकिन किसी कंपनी से बात तय नहीं हुई है। वर्तमान में बेंगलुरु की एक कंपनी से बात चल रही है।

    क्या है ड्रोन की विशेषता?

    दरअसल, 360 डिग्री को कवर करने के लिए ही इस ड्रोन में तीन कैमरे लगाए जाएंगे। तीनों कैमरे 120-120 डिग्री को कवर करते हैं। इस तरह 360 डिग्री का पूरा व्यू अच्छी तरह से दिखाई देगा। एक अथवा दो कैमरे वाले ड्रोन में यह संभव नहीं हो पाता। सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी गतिविधियों और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर हमेशा ड्रोन से ही निगरानी करती हैं। उनके लिए यह ड्रोन कारगर साबित होगा।

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