छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: भूपेश बघेल की पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया गिरफ्तार
शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। ईडी ने उन्हें 16 दिसंबर को गिरफ्तार कि ...और पढ़ें

सौम्या चौरसिया 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर (फोटो- सोशल मीडिया स्क्रीनग्रैब)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया को 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। ईडी ने 16 दिसंबर गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के बाद तीन दिन की रिमांड के बाद शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। सौम्या के बयान के बाद ईओडब्ल्यू के केस में बंद पूर्व आबकारी आयुक्त निलंबित आइएएस निरंजन दास को ईडी ने गिरफ्तार किया है। रिमांड पर लिया है।
सौम्या चौरसिया पर 115.5 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप
ईडी की जांच में राजफाश हुआ है कि सौम्या चौरसिया को लगभग 115.5 करोड़ रुपये की अवैध राशि प्राप्त हुई। एजेंसी का दावा है कि डिजिटल साक्ष्य, जब्त दस्तावेज और लिखित बयानों से यह साबित होता है कि सौम्या चौरसिया शराब सिंडिकेट की सक्रिय सदस्य थी।
ईडी के अनुसार, डिजिटल सबूत यह दर्शाते हैं कि सौम्या चौरसिया इस पूरे शराब घोटाले में मुख्य समन्वयक की भूमिका में थीं। वे शराब सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों अनिल टुटेजा, चैतन्य बघेल के बीच बिचौलिया बनकर अवैध धन के सृजन और उसके मनी लांड्रिंग में अहम भूमिका निभा रही थीं।
आबकारी विभाग में पोस्टिंग में भी भूमिका
जांच में सामने आया है कि सौम्या चौरसिया ने शराब सिंडिकेट की शुरुआती संरचना तैयार करने में भी मदद की। बरामद चैट्स से राजफाश हुआ है कि उन्होंने अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास को आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कराने में सहायता की, जिससे पूरे अवैध नेटवर्क को मजबूती मिली।
2500 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला
ईडी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर शुरू की गई थी। जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ और इस घोटाले से 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय उत्पन्न हुई।
इनकी हो चुकी है गिरफ्तारी
- अनिल टुटेजा (पूर्व आइएएस)
- अरविंद सिंह, कारोबारी
- त्रिलोक सिंह ढिल्लन, कारोबारी
- अनवर ढेबर, कारोबारी
- अरुण पति त्रिपाठी (आइएएस)
- कवासी लखमा (विधायक एवं तत्कालीन आबकारी मंत्री)
- चैतन्य बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र)
4364 करोड़ के घोटाले में एजेंसी कर रही है जांच
- 500 करोड़ के अवैध कोल लेवी केस में ईडी ने गिरफ्तार किया।
- 540 करोड़ के कोल लेवी केस में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया।
- 575 करोड़ के डीएमएफ घोटाला में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया।
- 49 करोड़ के आय से अधिक संपत्ति में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया।3200 करोड़ के शराब घोटाले में ईडी ने अब फिर गिरफ्तार।

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