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Forbes 30 Under 30: बहनों का नवाचार नारी शक्ति और किसानों के लिए बना आय अर्जन का आधार, फोर्ब्स 30 अंडर 30 में मिला स्थान

रायपुर की शुभिका जैन और सुरम्या जैन ने पैतृक व्यवसाय खेती किसानी से प्रेरणा लेकर आज देशभर में नाम कमा लिया है। उनकी ब्यूटी केयर प्रोडक्ट वाली कंपनी रस (आरएएस) लग्जरी आयल्स को रिटेल एवं ई-कॉमर्स बिजनेस श्रेणी में फोर्ब्स की प्रतिष्ठित 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में स्थान मिला है। बिना मिलावट गुणवत्ता और शुद्धता के कारण कंपनी के उत्पाद पसंद किए जा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Published: Wed, 22 May 2024 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2024 07:32 PM (IST)
रायपुर की शुभिका जैन और सुरम्या जैन ने हासिल किया देशभर में नाम।

गिरीश वर्मा, रायपुर। राजधानी रायपुर की शुभिका जैन और सुरम्या जैन ने पैतृक व्यवसाय खेती किसानी से प्रेरणा लेकर आज देशभर में नाम कमा लिया है। उनकी ब्यूटी केयर प्रोडक्ट वाली कंपनी रस (आरएएस) लग्जरी आयल्स को रिटेल एवं ई-कॉमर्स बिजनेस श्रेणी में फोर्ब्स की प्रतिष्ठित 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में स्थान मिला है।

चार हजार किसानों से सीधे कच्चा माल खरीदती है कंपनी

बिना मिलावट, गुणवत्ता और शुद्धता के कारण कंपनी के उत्पाद पसंद किए जा रहे हैं। कंपनी लगभग चार हजार किसानों से सीधे कच्चा माल खरीदती है। कंपनी के कुल कर्मचारियों में 70 प्रतिशत महिलाएं है। रस को भारत के सिक्स्थ सेंस वेंचर्स से दो मिलियन डॉलर और पिछले वर्ष न्यूयार्क स्थित वेंचर कैपिटल फर्म ग्रीन फ्रंटियर कैपिटल से एक मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली।

कई देशों में उत्पाद होता है निर्यात

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूएई में उनके उत्पाद का निर्यात किया जा रहा है। चौबे कालोनी की शुभिका जैन (29) ने बताया कि परिवार में शुरू से बिजनेस का माहौल देखा था। बचपन से ही सपना था कि मैं भी बिजनेस वुमेन बनूं। मैंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की। फिर निजी संस्थान में नौकरी करने लगी। इसके बाद नौकरी छोड़कर पिता शैलेश जैन के एग्रीकल्चर बिजनेस को देखने लगी और एक साल में ही व्यापार में डेढ़ करोड़ का मुनाफा हुआ।

बहन और मां का भी मिलता है साथ

शुभिका ने कहा कि खुशबू वाले पौधे से तेल निकालने का हमारा पारिवारिक काम था। एक बार मैंने बाजार से एक मिली लीटर एसेंशियल ऑयल की शीशी खरीदी। इस तेल की सुगंध तीव्र थी, जो अमूमन प्राकृतिक गुलाब की खुशबू में नहीं होती। टेस्टिंग करवाया तो पता चला कि उसमें रोज एसेंशियल आयल की मात्रा शून्य है। तब विचार आया कि अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की तरह आयल की मैन्युफैक्चरिंग की जाए, जिसमें बेहतर गुणवत्ता हो। इसके बाद घरवालों की मदद से 2017 में रस की स्थापना की। शुभिका की मां संगीता जैन कंपनी की सह-संस्थापक और चीफ रिसर्चर अफसर है। वे प्रोडक्शन और रिसर्च का काम देखती है। वहीं, छोटी बहन मुंबई में रहकर डिजिटल मार्केटिंग, स्ट्रेटेजी और इंटरनेट मीडिया जैसे काम संभालती है।

महिलाओं को 30 हजार तक मासिक आय

लगभग 15 एकड़ के उनके चंदनीडीह स्थित फार्म हाउस में प्रोडक्शन यूनिट और आफिस बना हुआ है। यहां लगभग पांच एकड़ में गुलाब, सूरजमुखी, गेंदा आदि फूलों की खेती होती है। फार्म में बने गोबर गैस प्लांट से खाद तैयार किया जाता है। शुभिका ने बताया कि कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट, प्रोडक्शन, लैब, पैकेजिंग, मैनेजमेंट, कस्टमर केयर सहित अलग-अलग यूनिट में प्रत्यक्ष रूप से 150 लोग हमसे जुड़े हुए है। इसमें 70 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। चंदनीडीह के आसपास के गांवों की महिलाओं को 10 हजार से 30 हजार रुपये तक मासिक आय होती है।

एक साल में बना था पहला प्रोडक्ट

रस का पहला प्रोडक्ट फेस आयल था, जिस पर 2016 से रिसर्च और डेवलपमेंट का काम शुरू हुआ। इस पर मैंने और मां संगीता जैन ने एक वर्ष तक मेहनत की। इसको हमने 2017 में लांच किया। पहले हमने होबा, रोज, सैंडलवुड आयल आदि बनाने का काम शुरू किया। इसके बाद बाडी स्क्रब, क्रीम और फेसवास बनाना शुरू किया। 10 प्रोडक्ट के साथ शुरुआत की थी, अब कंपनी के पास लगभग 90 प्रोडक्ट है।

अभिनेत्री नीतू कपूर ने रस के फेस एलेक्सीयर को काफी पसंद किया। उन्होंने ब्रांड की तारीफ करते दो बड़े इंटरनेशनल ब्रांड से रस की तुलना की थी। अर्जुन रामपाल की पत्नी ग्रैबिएला लगातार हमारे प्रोडक्ट का उपयोग कर रही है।

खुद की पैकेजिंग, वर्कर के लिए नहीं थे पैसे

शुभिका ने बताया कि कंपनी को खड़ा करने के लिए पिता से पैसे उधार लिए थे। उत्पाद तो तैयार कर लिए लेकिन यह पता नहीं था कि इसे लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए। ब्यूटी प्रोडक्ट मार्केट को समझने दुबई और हांगकांग गए। एक्सपो में प्रोडक्ट को बेचने का प्रयास किया, लेकिन पहले से स्थापित ब्रांड के चलते सफलता नहीं मिली। होटल और स्पा में जाकर हमारे प्रोडक्ट देना शुरू किया। किसी को हायर नहीं कर सकते थे, क्योंकि कंपनी में लगाने के लिए पैसे नहीं थे। कभी-कभी ऐसा भी समय था, जब मैंने खुद प्रोडक्ट की पैकेजिंग की। पैसे खत्म हो गए तो इनवेस्टमेंट भी लेना पड़ा।

बिक्री में हर वर्ष तीन-चार गुना वृद्धि

उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री में 2020 से लगातार वृद्धि हो रही है। हर वर्ष तीन-चार गुना बढ़ोतरी हो रही हैं। बड़े होटल, एयरलाइंस, कार ब्रांड, ज्वेलरी, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अभी रायपुर में एक स्टोर है। इस वर्ष 15 स्टोर और चार वर्ष में 100 स्टोर का लक्ष्य है। अब तक तीन लाख कस्टमर्स को अपना प्रोडक्ट बेच चुके हैं।

कंपनी के प्रोडक्ट फार्म टू फेस

 देश में 10 ऐसे पदार्थ है, जिसका उपयोग सौंदर्य उत्पाद बनाने में नहीं होता। हमारा एक ही लक्ष्य था कि बिना किसी छेड़छाड़ के प्राकृतिक चीजों को लोगों तक पहुंचाना है। भले उत्पाद महंगा होगा, लेकिन उत्पाद बनाने में उस चीज का उपयोग नहीं कर सकते जो हानिकारक हो। आरएंडडी, मैन्युफैक्चरिंग पैकेजिंग हमारे फार्म में ही होती है, इसलिए हम अपने उत्पाद को फार्म टू फेस कहते हैं।

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