भू-माफिया ने लिखी राजमहल में खूनी संघर्ष की पटकथा, एक करीबी ने राजा-रानी में मनमुटाव का उठाया फायदा
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में राजपरिवार में छिड़े संपत्ति विवाद और बुधवार को राजमहल में हुए खूनी संघर्ष की पटकथा भू माफिया ने लिखी। घटना का मुख्य आरोपित राजमाता गीता राणा सिंह का करीबी है। इसके साथ ही राजपरिवार की करीब 100 करोड़ की संपत्ति पर उनकी नजर थी। राजा-रानी में मनमुटाव के पीछे भी यही लोग बताए जाते हैं।

पीयूषकांत चतुर्वेदी, जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में राजपरिवार में छिड़े संपत्ति विवाद और बुधवार को राजमहल में हुए खूनी संघर्ष की पटकथा भू माफिया ने लिखी। घटना का मुख्य आरोपित राजमाता गीता राणा सिंह का करीबी है।
राजपरिवार की करीब 100 करोड़ की संपत्ति पर नजर
राजा सुरेंद्र बहादुर के निधन के बाद से वह उनका सलाहकार बन गया और जमीन कारोबार में लगे अपने बेटे व मित्र को भी भरोसेमंद लोगों में शामिल करा दिया। राजपरिवार की करीब 100 करोड़ की संपत्ति पर उनकी नजर थी। राजा-रानी में मनमुटाव के पीछे भी यही लोग बताए जाते हैं।
भू-माफिया के दखल की जांच की जा रही
एसडीओपी मनीष कुंवर ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद राजमाता को महल में प्रवेश की अनुमति दी गई थी, लेकिन असामाजिक तत्वों ने माहौल खराब कर दिया। मामले में भू-माफिया के दखल की जांच की जा रही है।
राजमाता महल छोड़कर मायके नेपाल चली गई थीं
बता दें कि राजा सुरेंद्र बहादुर से नाराजगी के बाद रानी (अब राजमाता) महल छोड़कर मायके नेपाल चली गई थीं। वह नेपाल के राजपरिवार से आती हैं। दोनों के बीच बावर्ची धनेश्वर सिंह के बेटे धर्मेंद्र सिंह को गोद लिए जाने को लेकर मनमुटाव था। साल 2021 में धर्मेंद्र का राज्याभिषेक किया गया। इस आयोजन के लिए राजमाता नेपाल से सक्ती लौट आईं और विरोध दर्ज कराया। बात बढ़ने पर राजमाता सक्ती में ही किराए के मकान में अलग रहने लगीं।
महल में खूनी संघर्ष के मुख्य आरोपित राजेश शर्मा का महल में आना-जाना था। पति-पत्नी के बीच मनभेद का उसने फायदा उठाया। वह अपने बेटे अमंग और मित्र राजकुमार अग्रवाल को भी राजमाता के भरोसेमंद लोगों में शामिल करने में सफल रहा। जमीन खरीद-बिक्री के कारोबार से जुड़े इन लोगों की नजर महल की संपत्तियों पर है।
सुरेंद्र बहादुर के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी राजा धर्मेंद्र सिंह से इन तीनों की नहीं बनती है, जो दुष्कर्म के एक मामले में जेल में बंद हैं। बुधवार को राजमाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद महल पहुंची थीं। इस दौरान राजेश शर्मा ने अमंग, राजकुमार व अन्य के साथ धर्मेंद्र सिंह की पत्नी शिल्पा सिंह पर हमला कर दिया। मौके से पुलिस ने तलवारें, बंदूक के खोखे बरामद किए थे।
राजा के दो महल, एक पर कब्जे को लेकर संघर्ष, दूसरा बिक नहीं सकता
दिवंगत राजा सुरेंद्र बहादुर के दो महल हैं। इनमें एक सफेद व दूसरे को पीला महल के नाम से जाना जाता है। सफेद महल पुरातत्व विभाग के अधीन है। इसलिए इसे राजपरिवार के सदस्य बेच नहीं सकते। इसमें राजा सुरेंद्र बहादुर के छोटे भाई पुष्पेंद्र बहादुर अपने पुत्र वीर विक्रम सिंह व पुत्रवधु दिव्या सिंह के साथ निवास करते हैं।
दिवंगत राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह पीला महल में निवास करते थे। इसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपये है। सुरेंद्र बहादुर की मौत के बाद इस महल में उनके दत्तक पुत्र धर्मेंद्र सिंह पत्नी शिल्पा के साथ निवास करते हैं। इसी महल पर कब्जे को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।