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    Raipur News: 65 वर्षीय बुजुर्ग ने जीवनयापन के लिए पत्नी से मांगे प्रतिमाह 50 हजार रुपये, कहा- अपना खर्च उठाने में है असमर्थ

    रायपुर के 65 साल के बुजुर्ग फतेहचंद ने अपनी पत्नी के खिलाफ भरण पोषण की याचिका फैमिली कोर्ट में दाखिल कर के पत्नी से गुजारा भत्ता और भरण-पोषण देने के लिए 50 हजार रूपये दिलाने की गुहार लगाई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनुराग गुप्ता ने बताया कि कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के लिए फतेहचंद की दायर याचिका को स्वीकार कर लिया गया है।

    By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 13 Oct 2023 10:51 PM (IST)
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    बुजुर्ग ने पत्नी की प्रतिमाह तीन लाख रुपये तक की कमाई का कुटुंब न्यायालय को दिया है हवाला

    जेएनएन, रायपुर। आमतौर पर वैवाहिक विवाद के ज्यादातर मामलों में पत्नी ही भरण-पोषण की मांग करती आई है। मगर रायपुर के 65 वर्षीय एक बुजुर्ग ने कुटुंब न्यायालय में याचिका लगाकर पत्नी से गुजारा भत्ता और भरण-पोषण के लिए 50 हजार रुपये दिलाने की गुहार लगाई है। रायपुर के अछोली गांव निवासी फतेहचंद (65) ने अधिवक्ता अनुराग गुप्ता और आयुष सरकार के माध्यम से याचिका लगाकर बताया कि बढ़ती उम्र के कारण उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता।

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    बुजुर्ग ने कहा- उधार से चला रहा अपना खर्च

    पत्नी वर्षों से अलग रह रही है। वह अपने खाने, रहने और दवाइयों का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। उधार से किसी तरह खर्च चल रहा है। पत्नी हर महीने मकान, दुकानों से मिले किराये और जमीन खरीद-बिक्री के काम से करीब तीन लाख रुपये महीना कमाती है। इसके बाद भी वह पत्नी धर्म नहीं निभा रही है।

    पत्नी के अतिरिक्त उनका अपना कोई नहीं है। ऐसे में उन्हें 50 हजार रुपये मासिक भरण-पोषण दिलाया जाए। बता दें कि फतेहचंद को कोई संतान नहीं है। अधिवक्ता अनुराग गुप्ता ने बताया कि कानून में पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे से गुजारा भत्ता मांगने और पाने का अधिकार है। इसे ध्यान में रखते हुए ही नौ अक्टूबर को फतेहचंद ने याचिका लगाकर पत्नी से भरण-पोषण का खर्च दिलाने की गुहार लगाई है।

    कोर्ट ने स्वीकार किया आवेदन

    याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनुराग गुप्ता ने बताया कि कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के लिए फतेहचंद की दायर याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। इस केस की सुनवाई 28 नवंबर को होगी। न्यायालय ने फतेहचंद की पत्नी को नोटिस जारी कर सुनवाई में हाजिर होने को कहा है।