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    Chhattisgarh: 7वें वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्‍ते की मांग को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी, अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jul 2022 11:35 AM (IST)

    छत्‍तीसगढ़ में सातवें वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्ता और मकान किराया भत्ता की मांग को लेकर कर्मचारियों ने 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। सरकार के रवैये को लेकर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में गहरी नाराजगी है।

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    सरकार के रवैये को लेकर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में गहरी नाराजगी

    बिलासपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। राज्य में सातवें वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्ता और मकान किराया भत्ता की मांग को लेकर सरकार के रवैये को लेकर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में गहरी नाराजगी है। अधिकारी और कर्मचारी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

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    अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा

    25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है। अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास राजपूत को सभी जिलों से समर्थन मिल रहा है।

    छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कर्ण सिंह अटरिया, शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजनारायण द्विवेदी ने आंदोलन में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की है। इसे लेकर संजय शर्मा का कहना है कि 2012-13 और 2017 में अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद समान वेतनमान और सातवें वेतनमान और विलय की सफलता हासिल हुई है। सामूहिक नेतृत्व और निष्पक्ष बैनर तले आंदोलन की घोषणा का व्यापक असर हो रहा है।

    अधिकारी कर्मचारी महासंघ के राज्य संयोजक कमल वर्मा की ओर से कर्मचारियों के हित में की गई अपील को संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे और विकास राजपूत ने अधिकारी कर्मचारी महासंघ के राज्य संयोजक स्वीकार कर लिया है। इसी के साथ 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने की अपील की गई है।

    अभी भी छठे वेतनमान के अनुसार मिल रहा है भत्ता

    छत्तीसगढ़ अकेला ऐसा राज्य है। जहां सिर्फ 22 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है और कर्मचारियों को अभी भी छठे वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता मिल रहा है। जिससे सभी सरकारी कर्मचारियों को करीब चार हजार से 14 हजार रुपये प्रतिमाह का आर्थिक नुकसान हो रहा है।

    अब समय एक, दो, तीन, पांच दिवसीय आंदोलन का नहीं है, बल्कि सीमाओं के पार अनिश्चितकालीन आंदोलन का है। इसलिए अब इस दिशा में ईमानदारी से आगे बढ़ने की जरूरत है। इसलिए बड़ी संख्या में शिक्षक व कर्मचारी अपने अधिकारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल की सूचना भेज रहे हैं। अब कर्मचारियों को धरना देकर अपनी पूरी पेंडिंग मांग पूरी करनी होगी।