नाबालिग दुष्कर्म मामला: भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद को गिरफ्तार करने रायपुर पहुंची झारखंड पुलिस, बुलाया थाने
कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार में जुटे भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद इन दिनों दुष्कर्म के एक मामले में बुरे फंंसते नजर आ रहे हैं। उन्हें गिरफ्तार करने झारखंड पुलिस रायपुर पहुंची है। उनके खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाइ की जा रही है।
रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। भानुप्रतापपुर उपचुनाव (Bhanupratappur by-election) में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम (Brahmanand Netam) को गिरफ्तार करने पहुंची झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने मंगलवार को उन्हें नोटिस देकर कांकेर (Kanker) थाने बुलाया है।
झारखंड पुलिस ने आज सुबह ब्रम्हानंद नेताम सहित तीन लोगों के घर एक बार फिर दबिश दी। टीम ने घर के बाहर नोटिस चिपकाकर ब्रम्हानंद नेताम सहित तीन लोगों को कांकेर थाने में सुबह 10 बजे मौजूद रहने के लिए कहा है। इधर, खबरों के अनुसार ब्रम्हानंद नेताम को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
सोमवार को रायपुर पहुंची झारखंड पुलिस की टीम
इससे पहले, सोमवार को झारखंड की जमशेदपुर पुलिस यहां ब्रम्हानंद नेताम और अन्य तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने कांकेर पहुंची तो छत्तीसगढ़ की राजनीति का पारा गरम हो गया। किसी की गिरफ्तारी तो नहीं हो पाई परंतु भाजपा (BJP) व कांग्रेस (Congress) में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया। एक तरफ जहां भाजपा गुस्से से लाल है, वहीं कांग्रेस भी कटाक्ष कर रही है।
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दुष्कर्म मामले में ब्रम्हानंद के साथ फंसे और कई
ज्ञात हो कि गत 20 नवंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पत्रवार्ता में पर्दाफाश किया था कि भाजपा प्रत्याशी पर झारखंड के जमशेदपुर जिले के टेल्को थाने में एक नाबालिग से दुष्कर्म करने और उसे देह व्यापार में धकेलने का केस दर्ज है। ब्रम्हानंद के अलावा भाजयुमो (BJYM) के जिला कोषाध्यक्ष दीपांकर सिन्हा (Deepankar Sinha), नरेश सोनी (Naresh Soni) व एक पुलिस आरक्षक केशव सिन्हा (Keshav Sinha) इस प्रकरण में सह अभियुक्त है।
छापेमारी के दौरान पुलिस के हाथ नहीं लगे कथित आरोपित
डीएसपी के नेतृत्व में यहां पहुंची झारखंड पुलिस की टीम ने कांकेर जिले के चारामा में स्थित ब्रम्हानंद नेताम व नरेश सोनी के घर पर दबिश दी। पुलिस कांकेर में दीपांकर सिन्हा व रायपुर में केशव सिन्हा की तलाश में भी पहुंची थी, लेकिन उन्हें कोई भी नहीं मिला।
जब पुलिस छापेमारी कर रही थी तब ब्रम्हानंद नेताम भानुप्रतापपुर में चुनाव कार्यालय में मौजूद थे। वहां पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, महेश गागड़ा, केदार कश्यप, भाजपा के महामंत्री ओपी चौधरी समेत सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने ब्रम्हानंद की गिरफ्तारी के विरोध में जमकर हंगामा किया। समाचार लिखे जाने तक झारखंड पुलिस कांकेर में ही है।
जानें क्या है पूरा मामला
झारखंड के टेल्को की एक नाबालिग ने अपनी दीदी व जीजा समेत कुछ लोगों पर दुष्कर्म और उससे देह व्यापार कराने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जमशेदपुर पुलिस को पता चला कि पीड़िता को रायपुर भी ले जाया गया था। यहां जांच में ब्रम्हानंद, केशव सिन्हा, नरेश सोनी, दीपांकर सिन्हा का नाम भी सामने आने का दावा किया जा रहा है। केशव सिन्हा रायपुर के राजेंद्र नगर थाने में आरक्षक है। प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद उसे निलंबित किया गया है।
दुष्कर्मी के साथ खड़ी है भाजपा: भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कटाक्ष किया कि भाजपा एक दुष्कर्मी के पक्ष में खड़ी है। बघेल ने कहा कि अब तक तो भाजपा नेता ब्रम्हानंद को गिरफ्तार करने की चुनौती दे रहे थे, झारखंड पुलिस पहुंच गई तो मामले को षड़यंत्र बताने लगे। कानून अपना काम कर रहा है। कोई किसी का दोस्त है तो गिरफ्तारी हो जाएगी ऐसा नहीं है। जब यह केस दर्ज हुआ तो झारखंड में भाजपा के रघुबर दास मुख्यमंत्री थे।
तीन वर्ष क्यों इंतजार करती रही झारखंड पुलिस: डा.रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह (Dr. Raman Singh) ने सवाल उठाते हुए कहा कि गिरफ्तारी के लिए तीन वर्ष तक झारखंड पुलिस क्यों इंतजार करती रही। पाक्सो एक्ट (POCSO Act) में तो 24 घंटे में कार्रवाई हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राजनीति प्रेरित है। चुनाव में हार के डर से यह षड़यंत्र किया जा रहा है। न कोई नोटिस, न सूचना, न समन, सीधे गिरफ्तारी। यह गलत हो रहा है। भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी।
पीसीसी अध्यक्ष भी जांच के घेरे में
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam) पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग पीड़िता का नाम सार्वजनिक कर कर दिया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Child Protection Commission) ने इस मामले में मोहन मरकाम पर कार्रवाई करने के लिए कांकेर एसपी को पत्र लिखा है। आयोग ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा है कि मरकाम ने किसी का नाम उजागर नहीं किया है।