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रायपुर: नीति में हो जनता की राय तो नहीं होगा कोई प्लान फेल

स्टेशन रोड जहां सबसे ज्यादा जाम की समस्या होती है वजह है वेंडिंग जोन न होना दूसरा ऑटो चालकों की मनमानी। इसके लिए पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती है।

By Krishan KumarEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 06:35 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 06:35 AM (IST)
रायपुर: नीति में हो जनता की राय तो नहीं होगा कोई प्लान फेल

रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि 

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चाहे नाली निर्माण हो या सड़क, पुल-पुलिया, गार्डन या फिर सीधे आम-जनता से जुड़े किसी भी विषय पर बनने वाली कोई नीति हो। इस पर जनता की राय शामिल की जाए तो यह मुकम्मल योजना साबित हो सकती है। इसके असफल होने की संभावना नगण्य हो जाएगी। 'माय सिटी, माय प्राइड' की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में आया यह सुझाव बहुत महत्वपूर्ण है। नागरिकों से चर्चा करें तो संभव है कि उनके बीच से आए सुझाव निर्माण के स्वरूप को और व्यवस्थित कर दें।हो सकता है निर्माण का बजट कम हो जाए या फिर एक निर्माण से ही कई इलाकों को फायदा मिल जाए। नीति से सरोकार रखने वालों का भी तर्क है कि इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

सुझाव तो यह भी आया है कि जिस तरह से सांसद निधि, विधायक निधि और पार्षद निधि होती है ठीक वैसे ही 'जनता निधि' भी निर्धारित हो। जिसके जरिए जनता की मांग पर संबंधित समिति द्वारा विकास संबंधी कार्य का फैसला लेकर उसे करवाया जाए। आज जनता की बहुत सी ऐसी मांग होती हैं तो जरूरी हैं लेकिन नगरीय निकायों के सामने बजट की समस्या होती है।

अगर सुझाव लिए जाते तो आज दिक्कत नहीं होती
1- राजातालाब से इएसी कॉलोनी वाला रास्ता बंद- कलेक्टोरेट के ठीक पीछे ऑक्सीजोन जोन का निर्माण जारी है, यह एक अच्छी सोच है कि शहर के बीच में हरा-भरी जगह हो। लेकिन इस निर्माण के कारण राजातालाब से इएसी कॉलोनी होकर कलेक्टोरेट जाने वाला रास्ता बंद कर दिया गया है।
अब यहां के निवासी राजातालाब से रांग साइड चल कर कलेक्टोरेट आ रहे हैं। जिससे हादसों का खतरा बढ़ रहा है।आइजी दीपांशु काबरा का कहना है कि उन्होंने भी इस समस्या को नोटिस किया है, जल्द व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।
2- डिवाइडर बनाना और फिर तोड़ना बन गई आदत- राजधानी बनने के बाद योजनावद्ध ढंग से रायपुर का विकास नहीं हुआ। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर्स ने अपने ढंग से विकास कार्य किए। हर किसी ने ये महसूस किया है कि सड़कों पर डिवाइडर लगातार बनते और टूटते हैं। डिवाइडर बनाया, सड़क चौड़ीकरण में तोड़ा या फिर ऊंचाई बढ़ाई गई। यह नहीं तो इनके ऊपर ग्रिल लगाई गई, इसके लिए भी तोड़-फोड़। चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक सदस्य का कहना है कि डिवाइडर के नीचे बेस कंक्रीट का होता है तो फिर इस पर पौधरोपण कैसे सक्सेसफुल होगा। इसलिए तो डिवाइडर पर लगे अधिकांश पौधे सूख जाते हैं।
3- शहर में बनाया जाये वेंडर जोन- आज शहर के प्रत्येक प्रमुख मार्ग में सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति होती है। इसकी दो बड़ी वजह है पहली वेंडिंग जोन न होना, जिसकी वजह से ढेले गुमटियां सड़क पर ही लगते हैं। दूसरा ऑटो, जो बेतरतीब ढंग से चलते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्टेशन रोड, फाफाडीह चौक, शास्त्री चौक पर होती है। हर फोरम में जनता यह मुद्दा उठाती है। स्मार्ट सिटी के तहत वेंडिंग जोन का प्लान बन रहा है लेकिन जनता की सहभागिता नहीं ली जा रही।

प्रबद्धजन दे सकते हैं बेहतर सलाह
हर वार्ड में ऐसे प्रबद्धजन हैं जो अपने अनुभवों से बेहतर सलाह दे सकते हैं, वे वार्ड की जरुरतें समझते हैं। मैंने पूर्व में भी कहा है कि मोहल्ला समितियों का गठन होना चाहिए, पूर्व मेयर किरणमयी नायक के समय पर यह हुआ भी था। दोबारा लागू करने में कहीं कोई अड़चन नहीं है।
सतीष जैन, पार्षद, सदर बाजार वार्ड

जनता के सुझाव लिए जाएं
जनता से विकास कार्यों की योजना बनने के पहले सुझाव लिए जाएंगे, क्योंकि जरूरी नहीं है कि कोई इंजीनियर ही बेहतर आइडिया दे सकता है। आम जनता के बीच से बेहतर सुझाव आ सकते हैं। इससे विकास को नई दिशा मिलेगी।
एजाज ढेबर, पार्षद एवं एमआइसी सदस्य राजस्व विभाग, नगर निगम


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