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    माओवादियों ने माना, एक साल में उनके 357 सदस्य मारे गए, सिमट रहा है जनाधार

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 06:46 AM (IST)

    28 जुलाई से तीन अगस्त तक शहीद स्मृति सप्ताह मनाने की घोषणा करते एक बयान जारी किया गया है जिसमें संगठन ने माना है कि बीते एक वर्ष में उनके शीर्ष नेतृत्व बसव राजू समेत कुल 357 सदस्य मारे गए हैं। इनमें केंद्रीय समिति के चार सदस्य राज्य समिति के 16 और अनेक महिला कार्यकर्ता शामिल हैं। अधिकतर की मृत्यु केंद्रीय व राज्य सुरक्षाबलों के अभियानों में हुई।

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    माओवादियों ने माना, एक साल में उनके 357 सदस्य मारे गए (सांकेतिक तस्वीर)

     जागरण संवाददाता, जगदलपुर। देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त माओवादी संगठन ने पहली बार अपनी रणनीतिक विफलताओं और सुरक्षाबलों के दबाव में आई असाधारण क्षति को स्वीकार किया है।

    बसव राजू समेत कुल 357 सदस्य मारे गए

    28 जुलाई से तीन अगस्त तक शहीद स्मृति सप्ताह मनाने की घोषणा करते एक बयान जारी किया गया है, जिसमें संगठन ने माना है कि बीते एक वर्ष में उनके शीर्ष नेतृत्व बसव राजू समेत कुल 357 सदस्य मारे गए हैं। इनमें केंद्रीय समिति के चार सदस्य, राज्य समिति के 16 और अनेक महिला कार्यकर्ता शामिल हैं। अधिकतर की मृत्यु केंद्रीय व राज्य सुरक्षाबलों के अभियानों में हुई।

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    बयान में यह भी स्वीकार किया गया कि गुरिल्ला युद्ध की मूल रणनीति को धरातल पर ठीक से नहीं अपनाया गया, जिससे उनकी ताकत सीमित और असंगठित हो गई। बयान के मुताबिक माओवादियों का जनाधार सिमट रहा है और संगठन के भीतर आत्ममंथन की स्थिति बन गई है।

    1,400 माओवादी समर्पण कर चुके हैं

    उधर, संगठन अब भी हिंसा के रास्ते को छोड़ने के बजाय इसे तेज करने की बात कर रहा है, जो दर्शाता है कि माओवादी अब भी लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान के विरोध में खड़े हैं। बता दें कि पिछले 18 महीने के दौरान हुई मुठभेड़ों में मारे गए करीब 450 माओवादियों के शव सुरक्षा बलों ने बरामद किए हैं। इसके साथ ही करीब 1,400 माओवादी समर्पण कर चुके हैं।

    बीजापुर में माओवादियों ने की दो शिक्षादूतों की हत्याबीजापुर जिले में माओवादियों ने भोपालपटनम ब्लाक के दो शिक्षादूतों की पुलिस मुखबिरी के आरोप में हत्या कर दी। सुरेश मेटटा और विनोद मडे 2019 से अपनी सेवाएं दे रहे थे। माओवादियों ने सोमवार रात उनका अपहरण कर लिया था। मंगलवार सुबह उनके शव मिले।

     शिक्षादूतों का ब्लॉक मुख्यालय आना-जाना रहता था

    बताया गया कि इन शिक्षादूतों का ब्लॉक मुख्यालय आना-जाना रहता था, जिस पर माओवादियों को संदेह हुआ। शिक्षादूत संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश कोरम ने बताया कि बीजापुर में अब तक पांच और सुकमा में दो शिक्षादूतों की माओवादी हत्या कर चुके हैं। माओवादियों ने नारायणपुर के मडोनार गांव में भी सोमवार रात करीब एक मोबाइल टावर में आग लगा दी। घटना के बाद जिला पुलिस बल और आइटीबीपी संयुक्त तलाशी अभियान चला रही है।

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