ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण की साजिश नाकाम, सीएम साय ने जताई गहरी चिंता, कहा- बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से जुड़ा एक चिंताजनक मामला सामने आया है जिसमें तीन आदिवासी बेटियों को नर्सिंग ट्रेनिंग और नौकरी का लालच देकर राज्य से बाहर ले जाने की कोशिश की गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण के प्रयास से जुड़ा एक गंभीर मामला बताया है।

डिजिटल टीम, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से जुड़ा एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसमें तीन आदिवासी बेटियों को नर्सिंग ट्रेनिंग और नौकरी का लालच देकर राज्य से बाहर ले जाने की कोशिश की गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण के प्रयास से जुड़ा एक गंभीर मामला बताया है।
मामले की जानकारी के अनुसार, नारायणपुर की तीन युवतियों को एक व्यक्ति द्वारा दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों को सौंपा गया, जो उन्हें आगरा ले जा रही थीं। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि इन बेटियों को झूठे वादों और प्रलोभनों के ज़रिये एक सुनियोजित जाल में फँसाया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला फिलहाल न्यायालयीन है और जांच प्रगति पर है। राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए पूरे घटनाक्रम पर निगरानी तेज कर दी है।
अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री साय ने लिखा
“यह महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा अत्यंत गंभीर मामला है। हमारी सरकार पूरी सतर्कता के साथ स्थिति की निगरानी कर रही है। बस्तर की बेटियाँ हमारे सम्मान और संस्कृति की पहचान हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इस संवेदनशील मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह से बेटियों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता का विषय है।
नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग दिलाने और उसके पश्चात जॉब दिलाने का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक व्यक्ति के द्वारा उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननो को सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा उन बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) July 28, 2025
इसमें प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन…
छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र, जहाँ यह घटना घटित हुई, आदिवासी समुदायों का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गढ़ है। पिछले कुछ वर्षों में यहाँ धर्मांतरण से जुड़े मामलों और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नेटवर्क को लेकर समय-समय पर चिंता जताई जाती रही है। विशेष रूप से महिलाओं और किशोरियों को शिक्षा या रोज़गार के नाम पर राज्य से बाहर ले जाकर धार्मिक रूपांतरण या शोषण की घटनाएँ सामने आई हैं।
राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और यदि यह मामला संगठित मानव तस्करी या धार्मिक षड्यंत्र से जुड़ा पाया गया, तो इसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में एक बार फिर दोहराया
यह राजनीति का नहीं, हमारी बेटियों की सुरक्षा का मामला है — और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समावेशी प्रदेश है जहाँ सभी धर्म और समुदाय के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमारी बस्तर की बेटियों से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा की कि इस प्रकार की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए, विशेषकर जब बात हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़ी हो।
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