सरकार ने कहा, नंदिनी सुंदर को बस्तर से दूर रखें, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह समाधान नहीं
सलवा जु़डूम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर छत्तीसग़ढ सरकार को फटकार लगाई है।
रायपुर, ब्यूरो। सलवा जु़डूम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर छत्तीसग़ढ सरकार को फटकार लगाई है। सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता ने कहा कि नंदिनी सुंदर जैसे लोगों को बस्तर से दूर रखने का निर्देश दें। इस पर कोर्ट ने कहा यह कोई समाधान नहीं है। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए इस समस्या का समाधान पेश करने को कहा है।
सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और आदर्श कुमार गोयल की पीठ को बताया कि छत्तीसग़ढ में जम्मू काश्मीर से ज्यादा फोर्स तैनात है। ब़डी तादाद में पुलिस के जवान नक्सली हिंसा में मारे जा रहे हैं। हम नक्सली समस्या सुलझाने के लिए काम कर रहे।मेहता ने कहा कि आतंकवाद से संबंधित मौतों में आईएस और बोको हरम के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि नंदिनी सुंदर जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं को ऐसे इलाकों से दूर रहने का निर्देश दें। ऐसे लोग केवल यही चाहते हैं कि आग सुलगती रहे। इस पर कोर्ट ने कहा यह कोई समाधान नहीं है। वे चाहेंगे कि आप इन इलाकों से दूर रहें। छत्तीसग़ढ सरकार की ओर से मेहता ने फिर कहा कि हम इन इलाकों से दूर नहीं जा सकते। यह एक राज्य है और सरकार को लोगों की देखभाल करनी प़डेगी। जनता के प्रति सरकार की जिम्मेदारी है। मेहता ने कहा कि आग सुलगाए रखना कोई समाधान नहीं है। एक सीडी है जिसमें उन्हें लाल सलाम के नारे लगाते और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखा जा सकता है। इससे समस्या समाप्त नहीं होगी। सभी लोग शांति चाहते हैं। पीठ ने अगली सुनवाई 11 नवंबर निर्धारित की और सालिसिटर जनरल से कहा कि कुछ नए समाधान लेकर आएं ताकि समस्या का हल निकल सके।