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    छत्तीसगढ़ आरक्षण विवाद: राज्यपाल के सवाल पर सरकार ने सौंपा 10 बिंदुओं में जवाब, राजभवन से मंजूरी की उम्मीद

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 26 Dec 2022 04:47 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने वाले विधेयक को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच तकरार जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब सौंप दिए हैं।

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    छत्तीसगढ़ आरक्षण विवाद: राज्यपाल के सवाल पर सरकार ने सौंपा 10 बिंदुओं में जवाब, राजभवन से मंजूरी की उम्मीद

    छत्तीसगढ़, रायपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने वाले विधेयक को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच तकरार जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब सौंप दिए हैं। राज्य सरकार ने राजभवन को 10 बिंदुओं पर जवाब भेज दिया है। विधेयक राज्यपाल के पास सहमति के लिए लंबित थे, जिन्होंने अपनी स्वीकृति देने से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से 10-बिंदुओं पर विवरण मांगा था। वहीं मामले में राज्यपाल ने बिलासपुर में कहा कि वह पहले जवाब परीक्षण करेंगी। इसके बाद विधेयक पर विचार करेंगी।

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    बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर उठाए सवाल

    वहीं, दूसरी ओर सरकार के जवाब पर भी सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी ने सरकार तरफ से भेजे गए जवाब को सार्वजनिक करने के लिए कहा है। बीजेपी के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जिस तरह राज्यपाल के प्रश्नों को सार्वजनिक किया गया, उसी तरह सरकार जवाबों को भी सार्वजनिक करे। जवाब संतुष्टिपूर्ण नहीं होंगे तो राज्यपाल क्या निर्णय लेंगी उनके विवेक के ऊपर है। ये सरकार आरक्षण नहीं चाहती है। आरक्षण के नाम पर एसटी, एससी और ओबीसी समाज को गुमराह किया जा रहा है।

    सर्व आदिवासी समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी

    सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार ने हर बिंदु पर विधि विभाग की सलाह पर मजबूती से जवाब प्रस्तुत किया है। आरक्षण के संशोधन विधेयक में एसटी को 32, एससी 13, ओबीसी 27 और ईडब्ल्यूएस को चार प्रतिशत आरक्षण देने के पीछे क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को आधार बताया है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के अध्ययन रिपोर्ट को भी आधार के रूप में लिया है। इधर, विधेयक राजभवन में 2 दिसंबर अटका पड़ा है। इस लिए सर्व आदिवासी समाज इससे नाराज हो गया है। राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने की मांग कर रहे है और अगले महीने राजभवन घेराव की चेतावनी दे रहे है।

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