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    PM Awas Plus Yojana: केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास प्लस से छत्तीसगढ़ हुआ बाहर, सरकार ने लिया फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Sat, 27 May 2023 11:42 PM (IST)

    सर्वे सूची में छूट गए गरीबों का नाम सूचीबद्ध करने के बाद विशेष ग्रामसभा की बैठक आयोजित करने का निर्देश ग्राम पंचायतों को दिया गया है। विशेष ग्रामसभा में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास प्लस के लिए अनुशंसा की जानी है।

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    पूर्व में दिए गए लक्ष्य की पूर्ति नहीं किए जाने के कारण केंद्र सरकार ने उठाया कदम

    बिलासपुर, राधाकिशन शर्मा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास प्लस से छत्तीसगढ़ बाहर हो गया है। इसके चलते उन गरीबों को पक्का मकान नहीं मिल पा रहा है, जिनका नाम सर्वे सूची में शामिल नहीं है, मगर वे वास्तविक गरीब हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य शासन द्वारा राज्यांश जमा नहीं करने के कारण वर्ष 2021-22 में आठ लाख हितग्राहियों को आवास योजना से बाहर होना पड़ा था।

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    80 हजार गरीबों को नहीं मिला लाभ

    अब पूर्व में दिए गए लक्ष्य की पूर्ति नहीं किए जाने के कारण केंद्र सरकार ने पीएम आवास प्लस योजना से राज्य को बाहर कर दिया है।ऐसे गरीब, जो पिछली सर्वे सूची में छूट गए थे, उनके लिए केंद्र सरकार ने पीएम आवास प्लस योजना लागू की है। इसके लिए आवास प्लस नाम से एप लांच किया गया है, जिसमें ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक व पंचायत सचिव पात्र हितग्राहियों के नाम को जोड़ सकते हैं। अकेले बिलासपुर जिले में 80 हजार गरीबों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

    आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में सर्वे सूची से बाहर रहने वाले गरीबों की संख्या करीब आठ लाख है। ये वे लोग हैं, जो आर्थिक जनगणना के दौरान या तो रोजगार के लिए पलायन कर अन्य प्रांतों में चले गए थे या फिर दूसरे गांव में रिश्तेदारों के यहां थे। सर्वेक्षण दल जब घर-घर सर्वे के लिए पहुंचे थे, उस दौरान ये लोग मौके पर नहीं मिले। सर्वे के दौरान ऐसे लोगों को, जिनके घरों में ताला लगा हुआ था, अनुपस्थित दर्शाया गया है।

    ऐसे करीब आठ लाख लोगों को गरीब होने के बाद भी आर्थिक जनगणना सर्वे सूची में नाम शामिल न होने के कारण केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह भी ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में लेटलतीफी के कारण तत्कालीन पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग के कामकाज से अपने आपको अलग कर दिया है। मंत्री के इस फैसले के बाद विवाद की स्थिति भी बनी थी। प्रदेश भाजपा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में लेटलतीफी को लेकर मुद्दा बनाया है। इसे लेकर प्रदेशभर में आंदोलन किया जा रहा है।

    विशेष ग्रामसभा का है प्रविधान

    सर्वे सूची में छूट गए गरीबों का नाम सूचीबद्ध करने के बाद विशेष ग्रामसभा की बैठक आयोजित करने का निर्देश ग्राम पंचायतों को दिया गया है। विशेष ग्रामसभा में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास प्लस के लिए अनुशंसा की जानी है। ग्राम सभा से अनुशंसा के बाद ग्राम पंचायत के सचिव या रोजगार सहायक के माध्यम से पीएम आवास प्लस योजना के एप में इनके नाम की एंट्री की जाएगी।

    एंट्री के बाद ग्रामसभा की अनुंशसा को पंचायत के प्रस्ताव के साथ जनपद पंचायत व जिला पंचायत प्रेषित किया जाएगा। जिला पंचायत से प्लस योजना के गरीबों का नाम आवास आवंटन की अनुशंसा के साथ राज्य और फिर वहां से केंद्र सरकार के हवाले किया जाना है।

    अरुण साव-सांसद, बिलासपुर लोकसभा व प्रदेशाध्यक्ष भाजपा छत्तीसगढ़ ने कहा, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकार द्वारा जानबूझकर लेटलतीफी की जा रही है। पीएम आवास प्लस योजना से राज्य के बाहर होने के कारण वास्तविक गरीबों को झटका लगा है। गरीब केंद्र की महत्वपूर्ण योजना से बाहर हो गए हैं।

    सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कहा, पीएम आवास प्लस योजना में छत्तीसगढ़ शामिल नहीं हो पाया है। हमारे यहां पहले के आवास थे, अभी उन्हें बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जो राज्य पूर्व का लक्ष्य पूरा कर चुके हैं, वही आवास प्लस योजना में शामिल किए जाते हैं।

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