Chhattisgarh: रविंद्र चौबे बने छत्तीसगढ़ के नए पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में बताया कि टीएस सिंहदेव द्वारा त्याग दिए जाने के बाद रविंद्र चौबे को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग का प्रभार दिया गया है। टीएस सिंहदेव ने 16 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग छोड़ने के बाद पिछले पांच दिनों से चल रहे सियासी ड्रामे का आखिरकार गुरुवार को अंत हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिंहदेव के पंचायत विभाग से अलग करने के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे अब पंचायत विभाग की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
विधानसभा के मानसून सत्र में पिछले दो दिनों से विपक्षी विधायक सिंहदेव के मामले को लेकर हंगामा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि राज्यपाल की अनुमति के बाद सिंहदेव से पंचायत विभाग की जिम्मेदारी लेकर मंत्री रविंद्र चौबे को सौंपी गई है। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है। इस पर 27 जुलाई को चर्चा होगी।
गौरतलब है कि पंचायत विभाग से खुद को पृथक करने का मुख्यमंत्री बघेल को पत्र भेजने के बाद सिंहदेव दिल्ली रवाना हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने सिंहदेव के पत्र को अनुशासनहीनता करार दिया है। विधायकों के हस्ताक्षर का पत्र लेकर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया दिल्ली गए थे। वहां उन्होंने पूरे मामले की जानकारी राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल को दी थी। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेताओं ने सिंहदेव को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह पंचायत विभाग दोबारा लेने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी दी गई।
सदन में विपक्ष ने फिर उठाया सिंहदेव का मुद्दा
विधानसभा में प्रश्नकाल में विपक्ष ने कांग्रेस विधायक छन्नी साहू के पंचायत विभाग के सवाल पर हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायकों ने कहा कि मंत्री का इस्तीफा हो गया है, फिर कोई दूसरा मंत्री जवाब कैसे दे सकता है। किसने अधिकृत किया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है, विभाग छोड़ने के लिए पत्र लिखा है। सिंहदेव ने ही मंत्री अकबर को जवाब के लिए अधिकृत किया है। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि महाराज साहब की चिठ्ठी में इस्तीफा शब्द नहीं है। शून्यकाल में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए विपक्षी विधायकों ने चुटकी ली कि बाबा बोल रहे हैं कि मेरे 30 विधायक चोरी हो गए, उन्हें कौन ले गया।
इसलिए दिया इस्तीफा
बघेल के साथ तनातनी में उलझे सिंहदेव ने पिछले सप्ताह पंचायत विभाग को त्याग दिया था। वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्री कार्यान्वयन और वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री बने हुए हैं। अपने त्याग पत्र में सिंहदेव ने कहा था कि वह वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए जन घोषना पत्र (चुनाव घोषणापत्र) के दृष्टिकोण के अनुसार विभाग के लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ थे। उन्होंने दावा किया था कि उनके बार-बार अनुरोध के बावजूद, पीएम आवास योजना के तहत धन स्वीकृत नहीं किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में आठ लाख लोगों के लिए घर नहीं बनाया जा सका था।
त्यागपत्र में छलका था सिंहदेव का दर्द
सीएम भूपेश बघेल को भेजे त्यागपत्र में सिंहदेव का दर्द साफ छलका था। चार पन्ने के त्यागपत्र में उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को संबोधित करते हुए लिखा था कि तीन वर्षों से मैं पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के भारसाधक मंत्री के रूप में कार्य कर रहा हूं। इस दौरान कुछ ऐसी परिस्थितियां निर्मित हुई हैं, जिससे आपको अवगत कराना चाहूंगा। सिंहदेव ने पत्र में कई विषयों को उठाया है।
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