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    Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के कांकेर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 29 नक्सलियों को मार गिराया

    Updated: Tue, 16 Apr 2024 11:14 PM (IST)

    मारे गए नक्सलियों में उनका कमांडर व 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त माड क्षेत्र का नक्सली कमांडर ...और पढ़ें

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    नक्सलियों की जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी को पैर में गोली लगी है।

    जागरण न्यूज नेटवर्क, कांकेर। जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में मंगलवार को बीएसएफ और डीआरजी ने संयुक्त कार्रवाई में 29 नक्सलियों को मार गिराया। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में मतदान से तीन दिन पूर्व बिनागुंडा एवं कोरोनार के बीच हापाटोला जंगल में दोपहर डेढ़ से साढ़े चार बजे तक हुई कार्रवाई में मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है।

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    मारे गए नक्सलियों में उनका कमांडर व 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव तथा 25 लाख की इनामी ललिता भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त माड क्षेत्र का नक्सली कमांडर राजू भी मारा गया है। नक्सलियों की जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी को पैर में गोली लगी है। डीआरजी के दो जवानों के भी घायल हुए हैं। तीनों को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है। नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई में यह अबतक की सबसे बड़ी सफलता है।

    इससे पहले दो अप्रैल 2024 को ही जवानों ने बीजापुर में 13 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्रवाई की सफलता पर जवानों को बधाई देते हुए कहा है कि सरकार प्रदेश को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की सुख शांति के लिए नक्सलियों से वार्ता और मुख्यधारा में वापसी के लिए रास्ते अभी भी खुले हैं।

    ध्यान रहे कि 14 अप्रैल को ही राजनांदगांव में चुनावी सभा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने पर नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था। बस्तर के आईजी पी सुंदरराज तथा बीएसएफ के डीआइजी आलोक कुमार सिंह ने नक्सल विरोधी अभियान में इसे बड़ी सफलता करार दिया है। उन्होंने बताया कि थाना छोटेबेठिया से लगभग 14-15 किमी दूर डीआरजी एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।

    नक्सलियों से सात एके 47 और तीन एलएमजी हथियार और इंसास रायफल भी बरामद किए गए हैं। कांकेर के एसपी आइके एलेसेला ने बताया कि चुनाव के दौरान हिंसा के लिए महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस क्षेत्र में नक्सलियों की बैठक की सूचना के आधार पर संयुक्त कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की गई। नक्सलियों ने जवाबी हमला किया परंतु उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में नीचे की तरफ भागने को मजबूर होना पड़ा। जवानों को इसका लाभ मिला और उन्हें ढेर कर दिया।

    कांकेर में कब-कब हुआ मुठभेड़

    • इससे पहले, 25 फरवरी को हूरतराई के जंगल में नक्सली एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए थे।
    • तीन मार्च को छोटेबेठिया के हिदूर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था जबकि बस्तर फाइटर का एक जवान बलिदान हुआ था।
    • 16 मार्च को भी मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था।
    • 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी नक्सली हमला हुआ था, जिसमें बीएसएफ के दो जवान बलिदान हुए थे।

    बीजापुर में दो अप्रैल को 13 नक्सली हुए थे ढेर

    इससे पहले, बीजापुर जिले के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों को मार गिराया था। लगभग इतनी ही संख्या में नक्सली बुरी तरह से घायल भी हुए थे।

    गंगालूर थाना क्षेत्र के लेंड्रा में दो अप्रैल को हुए मुठभेड़ में 13 में से 11 नक्सलियों की पहचान हुई थी। इसमें पीएलजीएस कंपनी दो के सुखराम हेमला, हूंगा परसी, लक्खू कोरसा, डिवीसीएम सीतक्का (जितरू, डीवीसी की पत्नी), दुला कुहराम, सोनू अवलम, सुदरू हेमला, चैतु पोटाम, लच्छू कड़ती, लक्ष्मी ताती व कमली कुंजाम के रूप में हुई थी।

    10 अप्रैल को हुई थी उच्च स्तरीय बैठक

    पिछले सप्ताह नौ और 10 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे के दौरान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए रायपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 10 राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ ऑनलाइन बैठक भी की थी। उस दौरान शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर खुफिया आपरेशन की रणनीति भी बनाई गई थी।

    अधिकारियों ने बताया था कि खुफिया सूचना पर कश्मीर के आतंकियों की तरह ही छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर लक्ष्य आधारित कार्रवाई की जाएगी। कांकेर के मुठभेड़ में भी बैठक का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।

    सरकार बनने के साथ ही नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू हो गई थी। इस बड़ी सफलता के लिए जवान बधाई के पात्र हैं। सरकार खून खराबा नहीं चाहती, इसलिए अभी भी वार्ता के लिए तैयार है।

    विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री, छत्तीसगढ़

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिशा निर्देश के बाद प्रदेश सरकार आपरेशन मोड में है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जा सकती। नक्सलियों को जवाबी कार्रवाई का कोई मौका नहीं देंगे।

    अरुण साव, उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़