Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को नया मुख्यमंत्री तो मिल गया अब मंत्रियों की बारी, कई ने पेश की दावेदारी; नए-पुराने दिग्गजों को मिल सकता है मौका
छत्तीसगढ़ में नया सीएम तो मिल चुका है। लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती होगी कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रीमंडल में कौन होगा। ऐसे में पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बना सकते हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और भूपेश सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर को 40 हजार वोटों हराने वाले विजय शर्मा भी उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार का मुख्यमंत्री चेहरा तय हो चुका है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रीमंडल में कौन होगा, अब यह प्रश्न लोगों के दिमाग में कौंध रहा है। ऐसे में पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बना सकते हैं।
वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) से बड़ा चेहरा के रूप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव व भाजपा के महामंत्री व कवर्धा में भूपेश सरकार के कद्दावर नेता व मंत्री मोहम्मद अकबर को 40 हजार वोटों हराने वाले विजय शर्मा भी उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा अन्य मंत्रियों में भी नए और पुराने नेताओं का समावेश देखने को मिल सकता है। प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री बन सकते हैं।
ये हैं मंत्री के लिए प्रबल दावेदार
बृजमोहन अग्रवाल: बृजमोहन साल 2023 में 8वीं बार जीतकर आए हैं। 1990-92 में बृजमोहन अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे। राज्य बनने के बाद साल 2003, 2008 और 2013 में भी अहम विभागों के मंत्री रहे।
ओपी चौधरी: भाजपा के महामंत्री और पूर्व आइएएस ओपी चौधरी ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं। युवा नेता होने के साथ-साथ वह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के पसंदीदा नेता हैं।
राजेश मूणत: मूणत युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे राजेश मूणत साल 2003 में पहली बार विधायक चुनकर आए। 2008 और 2013 में दूसरी, तीसरी व 2023 में वे चौथी विधायक बने। रमन सरकार में 2003, 2008 और 2013 में लगातार मंत्री रहे।
अजय चंद्राकर: भाजपा में तेजतर्रार छवि वाले और ओबीसी वर्ग के अजय चंद्राकर 1998 में पहली बार विधायक बने। 2003 में दूसरी बार, 2008 में हारे, लेकिन फिर से 2013, 2018 और अब 2023 में 5वीं बार चुनकर आए हैं। 2003 से 2008 तक चंद्राकर मंत्री रहे। 2013 में जीत के बाद फिर से मंत्री बने थे।
केदार कश्यप: रमन सरकार में मंत्री रहे केदार कश्यप ने इस चुनाव में बतौर महामंत्री बड़ी भूमिका निभाई है। बस्तर संभाग में बड़े आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते हैं और युवा नेता हैं।
रामविचार नेताम: पूर्व मंत्री, पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे रामविचार नेताम सरगुजा संभाग के बड़ा आदिवासी चेहरा हैं।
लता उसेंडी: बस्तर संभाग की आदिवासी महिला नेत्री हैं। पूर्व मंत्री रह चुकी हैं और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी दायित्व है।
विक्रम उसेंडी: आदिवासी नेता होने के साथ-साथ रमन सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा लोकसभा सदस्य व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
पुन्नूलाल मोहले: पूर्व मंत्री व मुंगेली विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुन्नूलाल मोहले के नाम एक अजीबो-गरीब कीर्तिमान है। मौजूदा विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की है। वे लगातार 11 वीं बार चुनाव जीते हैं।
धरमलाल कौशिक: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक भाजपा के बड़े चेहरे हैं।
अमर अग्रवाल: रमन सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं और इस बार भी दावेदार हैं।
गोमती साय: आदिवासी चेहरा होने के साथ-साथ लोकसभा सदस्य भी रही हैं।
दयालदास बघेल: दयालदास बघेल रमन सरकार में मंत्री रहे हैं और यह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं।
धर्मजीत सिंह: कांग्रेस और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से भाजपा में आए धर्मजीत भी पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं।
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