छत्तीसगढ़: मतांतरित शख्स के शव दफनाने पर विवाद, गुस्साई भीड़ ने प्रार्थना घर फूंका; धारा 144 लागू
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के बड़ेतेवड़ा गांव में मतांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर तनाव है। विरोध के चलते प्रशासन ने शव को कब्र से बाहर निकालकर ...और पढ़ें
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कांकेर में मतांतरित के शव दफनाने पर विवाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के बड़ेतेवड़ा गांव में पिछले तीन दिनों से मतांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारी विरोध के चलते प्रशासन ने गुरुवार को स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए शव को कब्र से बाहर निकालकर सुरक्षित रखा।
इसके बावजूद आक्रोशित भीड़ ने एक प्रार्थना घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। गुस्साई भीड़ ने सरपंच के घर में भी तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। इस दौरान झड़प और लाठीचार्ज में आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हो गए।
कांकेर में मतांतरित के शव दफनाने पर विवाद
बता दें कि जिले में मतांतरण बड़ा मुद्दा है। पिछले पांच महीने में यहां 14 गांवों में ग्रामीणों ने पास्टर और पादरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। बीते रविवार को बड़ेतेवड़ा गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता 70 वर्षीय चमराराम सलाम की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
सरपंच ने पिता का शव गांव में ही दफनाया। इस सूचना पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शव दफनाने का विरोध किया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई।
गुस्साई भीड़ ने प्रार्थना घर फूंका, तोड़फोड़
गुरुवार को फिर से आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को कब्र से निकालकर दूसरे स्थान पर अंतिम संस्कार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कांकेर के एडिशनल एसपी दिनेश कुमार सिन्हा ने बताया कि शव को दफनाने में दो पक्षों में विवाद हुआ था और स्थिति नियंत्रण में है।
दो धड़ों में बंटा आदिवासी समाजआदिवासी समाज दो धड़ों में बंट चुका है। एक ओर मूल आदिवासी हैं, जो मतांतरित व्यक्ति के अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर ईसाई परिवार है, जो अपने खेत में दफनाए गए शव को निकालने नहीं दे रहे थे।

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