Chhattisgarh News: मिलेट चिक्की से मिल रही हेल्थ और हो रही कमाई, अरमुरकसा की महिलाओं ने कमाए 31 लाख रुपए
छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की ओर मजबूती से कदम उठाएं जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कई प्रोग्राम लागू किए हैं जिनके कारण गांव में रहने वालों की आय में इजाफा हुआ है। इसी क्रम में मिलेट चिक्की बनाने का काम किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों की आय में बढ़ोत्तरी हो रही है और लोगों को पौष्टिक भोज्य पदार्थ मिल रहा है।

रायपुर, डिजिटल टीम। छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की ओर मजबूती से कदम उठाएं जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कई प्रोग्राम लागू किए हैं जिनके कारण गांव में रहने वालों की आय में इजाफा हुआ है। इसी क्रम में मिलेट चिक्की बनाने का काम किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों की आय में बढ़ोत्तरी हो रही है और लोगों को पौष्टिक भोज्य पदार्थ मिल रहा है।
बालोद जिले के जनपद पंचायत डौण्डी के ग्रामीण औघोगिक पार्क अरमुरकसा में महिलाएं वृहद पैमाने पर मिलेट चिक्की का बनाने का कार्य कर रही है। जहां गांव की महिलाएं अपने घर के नजदीक ही काम मिलने से खुश हैं। 13 महिलाएं एक दूसरे से सम्पर्क करके रोजगार से निरंतर जोड़ने का सार्थक कार्य भी कर रही हैं। महिलाएं अपनी रुचि के अनुसार काम कर रही हैं। साथ ही परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं।
बलोद जिले के जनपद पंचायत डौण्डी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि अरमुरकसा रीपा में मिलेट चिक्की उत्पादन इकाई स्थापित होने से गांव की महिलाओं को काम मिल गया है। ग्रामीण औघोगिक पार्क में कुल 41 लाख 574 रुपए का 23.89 टन चिक्की का उत्पादन हुआ है। महिलाओं ने 30 लाख 87 हजार 892 रुपए की चिक्की की सेल की है। चिक्की बनाने वाली महिलाओं को 53 हजार रुपए का शुद्ध लाभ मिल चुका है। महिलाओं इस कार्य को निरंतर कर रही है।
चिक्की बनाने वाली समूह की महिला सुनीता निर्मलकर ने बताया कि 17 जुलाई 2023 से अरमुरकसा में मिलेट चिक्की इकाई शुरू किया गया जिला प्रशासन ने महिला समूहों को चिक्की बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिसमें सभी महिलाएं अब मिलेट चिक्की निर्माण कार्य में पूरी तरह से दक्ष हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि इस कार्य के साथ समूह की महिलाएं अन्य गतिविधियों से भी जुड़ी हुई हैं जिससे महिलाओं को अच्छी खासी आमदनी प्राप्त हो रही है। चिक्की पोषक तत्वों से भरपूर है, नन्हें मुन्ने बच्चों एवं शिशुवती माताएं इन्हें बहुत पसंद करती हैं और बड़े चाव से खाती है। चिक्की कुपोषण को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

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