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    Chhattisgarh Politics: अबकी दिवाली ईडी की उपस्थिति से मिठाइयों तक सिमट गया व्यवहार

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Pokhriyal
    Updated: Mon, 24 Oct 2022 03:28 PM (IST)

    कोरोनामुक्त दीपावली मनाने के लिए इस बार दो वर्षों के बाद बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए उतरे हुए हैं। बाजार से लेकर सड़कों पर चारों तरफ ठसाठस भीड़ है। प्रदेश की राजधानी रायपुर के बाजार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को धनतेरस की खरीदारी करते दिखे।

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    रायपुर के एक बाजार में शनिवार को दीपावली की खरीदारी करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। जागरण

    सतीश चंद्र श्रीवास्तव। अबकी दिवाली लेने-देने के खास मौके पर राजधानी रायपुर में ईडी की उपस्थिति ने बड़े-बड़े अधिकारियों का व्यवहार बदल दिया है। 10 अक्टूबर से शुरू हुई ईडी की कार्रवाई समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही है। छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) का डायरेक्टर रहते हुए आइएएस अधिकारी समीर बिश्नोई की गिरफ्तारी और उनके घर से चार किलो सोने की बरामदगी ने परिस्थितियां बदल दी हैं। कोई अधिकारी इस वर्ष व्यवहार लेने को तैयार ही नहीं हो रहा है।

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    दीपावली से पहले केंद्र सरकार की एजेंसी के व्यवहार का परिणाम कुछ ऐसा हुआ है कि व्यवहार लेकर आने वाले मुख्य द्वार से ही लौटाए जा रहे हैं। करवाचौथ पर बिश्नोई की पत्नी प्रीति बिश्नोई के स्वर्णाभूषणों के कारण अपनी पत्नियों से ताने सुनने वाले अधिकारी भी ना-ना करने में ही भलाई समझ रहे हैं। सार्वजनिक जीवन में दो तरह के व्यवहार दिख रहे हैं। पहला व्यवहार ड्राइवर की भूमिका निभाने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने अधिकारियों के आवासीय परिसर का जीवंत चित्रण अपने ही शब्दों में कुछ इस तरह किया, ‘सुबह-सुबह ड्यूटी पर पहुंचा था। तभी इनोवा से दो लोग पहुंचे। उनके साथ दो बड़ी-बड़ी अटैचियां थीं। कोठी के बाहर चौकीदार को बताया कि साहब फोन नहीं उठा रहे हैं, उन्हें हमारे आने की जानकारी दे दो। चौकीदार दौड़ा-दौड़ा अंदर गया और जवाब लेकर कुछ ही देर में लौट आया। बोला- साहब बहुत व्यस्त हैं। आगंतुकों ने अटैचियां रखने का प्रस्ताव दिया तो इंटरकाम पर निर्देश मिला कि नमस्कार करके सभी सामान को ससम्मान लौटा दो। अटैचियां वापस इनोवा में रख दी गईं और कार लौट गई।’

    सरकारी कार्यालयों में भी कुछ इसी तरह की स्थितियां रहीं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अब प्रकाश पर्व पर व्यवहार केवल मिठाइयों तक सिमट गया है। दरअसल प्रदेश के 10 जिलों में ईडी की कार्रवाई का क्षेत्र विस्तारित होने से अधिकारियों के लिए दीपावली का स्वरूप इस बार पूरी तरह से बदल गया है। अफसोस का डायलाग सरेआम सुना जा रहा है, ‘ईडी वाले खुद तो घर से दूर दीपावली मना ही रहे हैं, हमारे लिए भी मुश्किलें खड़ी किए हुए हैं।’ बड़े तो बड़े, अधीनस्थ कर्मचारी भी इसकी गहरी अनुभूति कर रहे हैं। तीन आइएएस अधिकारियों के जांच के दायरे में आने के बाद वे सामान्य फोन काल तक नहीं उठा रहे हैं। वाट्सएप पर ही बातें कर रहे हैं। बिश्नोई के साथ रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू और उनके पति व खनिज निगम के डायरेक्टर जेपी मौर्या की अथाह संपत्ति की जानकारी बाहर आने के बाद तो जैसे व्यवहार में सलीका का पुट बढ़ गया है, बढ़ता ही जा रहा है। सार्वजनिक जीवन के दूसरे व्यवहार का परिदृश्य आजकल दीपावली के बाजार में दिख रहा है, जो पूरी तरह से गुलजार है।

    कोरोनामुक्त दीपावली मनाने के लिए इस बार दो वर्षों के बाद बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए उतरे हुए हैं। बाजार से लेकर सड़कों पर चारों तरफ ठसाठस भीड़ है। प्रदेश की राजधानी रायपुर के बाजार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को धनतेरस की खरीदारी करते दिखे। स्थानीय विधायकों कुलदीप जुनेजा और विकास उपाध्याय व मेयर एजाज ढेबर के साथ उन्होंने फुटपाथ से दीया-बाती, पटाखे व अन्य सामान खरीद कर लोगों को स्थानीय बाजार को गुलजार करने का संदेश देने की कोशिश की।

    प्रदेश के गोठानों में निर्मित दीपक और अन्य सामान उपहार के रूप में भेजा जा रहा है। बाजार में भीड़ संभाले नहीं संभल रही है। शनिवार को धनतेरस पर घरों के दरवाजे पर धान की नर्म बालियों से तैयार कलात्मक झालर लगाने के साथ दीपोत्सव शुरू हो चुका है। गोवर्धन पूजा के साथ प्रदेश में मड़ई मेलों का आयोजन शुरू हो जाएगा, जो होलिका दहन तक चलेगा। बाजार बता रहा है कि आम लोग आनंद में हैं, उल्लासित हैं। ईडी की किसी कार्रवाई से बेफिक्र, बेजिक्र...! शुभ दीपावली...!

    [संपादकीय प्रभारी, रायपुर]