छत्तीसगढ़: नारायणपुर में 30 लाख रुपये के इनामी आठ नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को दो महिलाओं समेत आठ नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया जिन पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम था। नक्सलियों ने पुलिस के पुनर्वास अभियान और राज्य सरकार की नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया। आत्मसमर्पण करने वालों में डिविजनल कमेटी सदस्य कंपनी सदस्य और एरिया कमेटी मेंबर शामिल हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के सामने दो महिलाओं समेत आठ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
नक्सलियों ने बताया कि वे पुलिस के पुनर्वास अभियान और राज्य सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से भी प्रभावित हैं। प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सदस्यों की पहचान सुखलाल जुर्री, हुर्रा उर्फ हिमांशु मिद्याम, राजू पोडियाम उर्फ सुनील पोडियाम, मनीराम कोर्राम, सुक्कू फरसा उर्फ नागेश, रामू राम पोयाम, कमला गोटा और दीपा पुनेम के रूप में हुई है।
इन्होंने किया आत्मसमर्पण
अधिकारी ने बताया कि सुखलाल एक डिवीजनल कमेटी सदस्य और एक "माओवादी डॉक्टर" के रूप में सक्रिय था, जबकि हुर्रा "कंपनी नंबर 1 पीपीसीएम" से संबंधित था। उन्होंने बताया कि दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। पोडियाम एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) और लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वॉड का डिप्टी कमांडर था। सुक्कू कंपनी नंबर 1 का सदस्य था, जबकि पोयाम ब्यूरो सप्लाई टीम में काम करता था।
कितने का था इनाम?
उन्होंने बताया कि दोनों महिलाओं में से कमला एसीएम और दीपा माओवादी संगठन की एक पार्टी सदस्य थी। अधिकारी ने बताया कि पोडियाम और कमला पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था। अन्य चार नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था।
नक्सलवाद से मुक्ति
उन्होंने बताया कि सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी गई और राज्य सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक नारायणपुर जिले में 148 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। केंद्र ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।

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