पांच साल पहले रची गई थी बीजापुर हमले की साजिश, जानिए किसको निशाना बनाने निकले थे नक्सली
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सोमवार को नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोला। नक्सलियों ने जवानों के वाहन को विस्फोटक से उड़ा दिया। इस हमले में एक चालक के साथ 8 जवान बलिदान हो गए थे। जांच में सामने आया है कि नक्सलियों ने आइईडी को ट्रिगर करने के लिए पास ही एक पेड़ की जड़ के पास डेटोनेटर को जोड़ता स्विच जमीन के नीचे दबाया था।

जेएनएन, जगदलपुर। कुछ वर्ष पहले बिछाए गए लगभग 70 किलो के इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में विस्फोट कर ही नक्सलियों ने पुलिस की स्कार्पियो को उड़ाया था। बीजापुर जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर अंबेली गांव के पास सोमवार दोपहर हुए नक्सली हमले की जांच में यह जानकारी सामने आई है। हमले में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान बलिदान हो गए थे। एक वाहन चालक भी मारा गया था।
विस्फोट से कंक्रीट की एक फीट मोटी सड़क उखड़ी, 10 फीट गहरा और 25 फीट व्यास का गड्ढा बन गया। विस्फोट के बाद जवानों के अंग व स्कार्पियो के कलपुर्जे 500 मीटर के दायरे में बिखर गए थे। मंगलवार को भी सुरक्षा बल के जवान बलिदानियों के क्षत-विक्षत अंग तलाशते रहते, ताकि उन्हें ससम्मान अंतिम विदाई दी जा सके।
कुटरु से बेदरे तक की सड़क का लगभग 10 वर्ष पहले डामरीकरण हुआ था। कुछ वर्ष बाद अंबेली के पास सड़क का हिस्सा बारिश में बह गया। वर्ष 2020 में इस सड़क की मरम्मत की गई थी। उसी समय नक्सलियों ने सुरंग खोदकर आइईडी बिछाई थी। सोमवार को तीन दिन के अभियान के बाद डीआरजी के जवानों को वाहन से लौटते देख नक्सलियों ने आईईडी में विस्फोट कर दिया।
पेड़ के नीचे दबाया स्विच, 300 मीटर दूर से विस्फोट
मौके की जांच में सामने आया है कि नक्सलियों ने आईईडी को ट्रिगर करने के लिए पास ही एक पेड़ की जड़ के पास डेटोनेटर को जोड़ता स्विच जमीन के नीचे दबाया था। सोमवार को जवानों के बेदरे से निकलते ही पेड़ के नीचे दबे स्विच को तार से जोड़कर वहां से लगभग 300 मीटर दूर जंगल तक एक पेड़ के नीचे तक ले जाया गया। वहीं से निशाना साधकर जवानों के कारकेड के 11वें नबंर की गाड़ी को विस्फोट से उड़ाया गया। इस विस्फोट से 200 मीटर पीछे चल रही वाहन का कांच भी टूट गया।
24 साल में 1197 विस्फोट, 1313 की मौत
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से पिछले 24 वर्ष में अब तक 1197 बारूदी सुरंग विस्फोट की घटनाओं में 1313 सुरक्षा बल के जवान व आम नागरिक मारे जा चुके हैं। डीजी पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डीजी वितुल कुमार समेत सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को बीजापुर नक्सली वारदात के घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीजीपी जुनेजा ने आगामी नक्सल अभियानों में मानक संचालक प्रकिया (एसओपी) के कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
बारूदी सुरंग विस्फोटों की घटनाओं को रोकने के लिए बम निरोधक दस्ते को सशक्त व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने व अतिरिक्त बल की तैनाती किए जाने की बात भी कही। माना जा रहा है कि नक्सल विरोधी अभियान से लौटते एसओपी का पालन नहीं किए जाने से ही सुरक्षा बल को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।
वीर बलिदानियों को सीएम-गृहमंत्री ने दी अंतिम सलामी
बीजापुर नक्सली हमले में बलिदान हुए आठ जवानों और एक वाहन चालक का अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके पैतृक गांवों में किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने दंतेवाड़ा के कारली पुलिस लाइन में पहुंच कर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। बलिदानियों के स्वजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढ़स भी बंधाया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।