लव जिहाद पर बोले बागेश्वर महाराज- 'युवतियां प्रेम में दिग्भ्रमित ना हों, दूसरे धर्म में ना करें विवाह'
Raipur News बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनपर झूठा आरोप लगाया जाता है कि वो अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने लव जिहाद के बारे में कहा कि ये हिंदू धर्म को तोड़ने की साजिश है। युवतियां प्रेम के चक्कर में पड़कर दिग्भ्रमित ना हों।
रायपुर, ऑनलाइन डेस्क। Dhirendra Krishna Shastri Chhattisgarh Visit: यदि अपने बच्चों को अच्छा संस्कार नहीं देंगे तो वे भटक जाएंगे। हिंदू धर्म की युवतियां दूसरे धर्म में विवाह ना करें, अपना धर्म श्रेष्ठ है। अपने धर्म में ही जियो और अपने धर्म में ही मृत्यु को प्राप्त हो। अपना धर्म श्रेष्ठ मानेंगे तभी मतांतरण को रोका जा सकता है। ये कहना है बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) का। वहीं, लव जिहाद के बारे में महाराज ने कहा कि ये हिंदू धर्म को तोड़ने की साजिश है। युवतियां प्रेम के चक्कर में पड़कर दिग्भ्रमित ना हों। अपने धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म में कतई विवाह ना करें।
'अंधविश्वास के खिलाफ हूं'
बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि मुझ पर झूठा आरोप लगाया जाता है कि मैं अंधविश्वास को बढ़ावा देता हूं। मैं स्वयं अंधविश्वास के खिलाफ हूं। मेरी हनुमानजी पर श्रद्धा है, जब बागेश्वर महाराज का दरबार लगाते हैं तब हम कोई दावा नहीं करते कि सबकुछ ठीक कर देंगे। हम तो केवल हनुमानजी पर विश्वास रखने की सीख देते हैं। जिसकी हनुमान में श्रद्धा होगी, उसका सभी कार्य सहजता से पूर्ण होगा। मैं तो छत्तीसगढ़ केवल श्रीराम, हनुमान नाम की अलख जगाने और रामायण का संदेश देने आया हूं।
'राजनीतिक पार्टी से कोई सरोकार नहीं'
बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी से मेरा कोई सरोकार नहीं है। मैं सिर्फ सनातन धर्म को बढ़ावा देने का काम कर रहा हूं। देश की जनता भी खुश है कि देश में मंदिरों की सूरत बदल रही है। धर्म, अध्यात्म के जरिए वापस सोने की चिड़िया और विश्वगुरु बनने की ओर हमारा देश अग्रसर हो रहा है।
'प्रभु कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो सकता है'
मीडिया के सवाल पर महाराज ने कहा कि पिछले दिनों विराट कोहली ने एक संत से आशीर्वाद लिया और दो शतक ठोंक दिया। उनके प्रशंसक कई साल से इस पल का इंतजार कर रहे थे। कोहली संत की कृपा से शतक बनाने में कामयाब हुए। हालांकि मेहनत क्रिकेटर कोहली की रही लेकिन संत का आशीर्वाद भी उनके काम आया। इसी तरह हर कोई संतों, प्रभु श्रीराम पर विश्वास बनाए रखते हुए प्रणाम करके अपना कार्य करे तो प्रभु कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। ये आस्था और विश्वास की बात है। इसमें अंधविश्वास नहीं श्रद्धा है।
'बदनाम करने के लिए हो रही फंडिंग'
नागपुर में हुए दिव्य दरबार के बारे में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि चूंकि लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा जाग रही है। धर्म अध्यात्म के जरिए भारत की साख बढ़ रही है। इससे मतांतरण करवाने वालों के पेट में दर्द हो रहा है। सनातन धर्मियों को बदनाम करने का षडयंत्र रचने के लिए वहीं से फंडिंग की जा रही है। वही लोग मुझे बदनाम कर रहे हैं। इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनमें हिम्मत है तो रायपुर में 20 और 21 को लगने वाले दिव्य दरबार में आएं। उन्हें जवाब मिलेगा।
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