Chhattisgarh: राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन विदेशी कलाकारों ने बांधा समां, दी मनमोहक प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन देश-विदेश से आये कलाकारों ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों ने भी उनका जोश व उत्साह के साथ स्वागत किया। सीएम बघेल भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन देश-विदेश से आये कलाकारों के बीच लोक नृत्य की प्रतियोगिता उपरांत कार्यक्रम की समाप्ति हुई।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम तथा हरियाणा के सहकारिता मंत्री सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव परंपरा और आधुनिकता का संगम बना। मुख्यमंत्री के दर्शक दीर्घा में आगमन के साथ ही छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के नारों से कार्यक्रम स्थल गूंज उठा। इसी बीच मालदीव के कलाकारों द्वारा नृत्य प्रदर्शन के बाद हिंदी बॉलीबुड गाने ने भी सभी का जमकर मनोरंजन किया।
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इसके बाद बारी आई सर्बिया की राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में करीब 4 हजार किलोमीटर दूर सर्बिया से आये 10 सदस्यीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कौशल को देख दर्शक काफी उत्साहित हुए। सर्बिया के कलाकारों ने ट्रेडिशनल डांस पर प्रदर्शन दिया।
सर्बिया के कलाकारों ने प्यानो और शहनाई नुमा वाद्य यंत्रों से अलग-अलग धुनों में मधुर संगीत लहरियां प्रस्तुत कर दर्शकों का मनोरंजन किया। मधुर धुन की ताल पर महिला और पुरुष कलाकारों के थिरकते कदम आकर्षण का केंद्र बने रहे।
इस दौरान पुरुष फर का कैप लगाए एक हाथ मे डंडा पकड़ कर नृत्य किये। इन कलाकारों ने ‘‘सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया’’ का उदघोष कर मुख्यमंत्री सहित अतिथियों का अभिवादन किया।
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न्यूजीलैंड के आदिवासी कलाकार अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मंच पर पहुंचे। अपने विशिष्ट रीति रिवाज के अनुसार नृत्य की प्रस्तुति देने के पहले छत्तीसगढ़ को मित्र बनने की परंपरा को प्रतीक के रूप में निभाया। उन्होंने अपनी भाषा में छत्तीसगढ़ के साथ मित्रता की घोषणा की।
न्यूजीलैंड के कलाकारों ने भी 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' का नारा लगाकर छत्तीसगढ़वासियो और अतिथियों का अभिवादन किया। न्यूज़ीलैंड की टीम द्वारा हाका लोकपरम्परा में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि से मैत्री और छत्तीसगढ़ की भूमि वंदना की गयी।
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मंगोलिया के कलाकार अपनी पारम्परिक वेश भूषा में संगीत की तेज धुन पर ऊर्जा और उत्साह के साथ जोश से ओतप्रोत लयबद्ध नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों के बीच रोमांच जगाने में सफल रहे। मंगोलियाई कलाकारों द्वारा शांति और समृद्धि का पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस दौरान नृत्य प्रस्तुत करने से पहले इंडोनेशिया के कलाकारों का दर्शकों ने हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया

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