Chhattisgarh: जगदलपुर में कांग्रेस के 'मशाल मार्च' में झुलसे 5 कार्यकर्ता, केंद्र के विरोध में निकाला था मार्च
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित की गई कांग्रेस की मशाल रैली में हादसा हो गया। शुक्रवार को मशाल रैली में कांग्रेस के पांच कार्यकर्ता झुलस गए। पार्टी जगदलपुर में राहुल गांधी की अयोग्यता और लोकतंत्र बचाने के लिए को लेकर केंद्र के खिलाफ मशाल मार्च अभियान चला रही थी।(फोटो-एएनआई)

जगदलपुर, एएनआई। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित की गई कांग्रेस की मशाल रैली में हादसा हो गया। शुक्रवार को मशाल रैली में कांग्रेस के पांच कार्यकर्ता झुलस गए।
कांग्रेस पार्टी जगदलपुर में राहुल गांधी की अयोग्यता और "लोकतंत्र बचाने के लिए" को लेकर केंद्र के खिलाफ 'मशाल मार्च' अभियान चला रही थी।
जगदलपुर के महारानी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद ने कहा कि उनमें से चार 10-15 प्रतिशत जले हुए हैं, जबकि दूसरा 30 प्रतिशत से अधिक झुलस गया है। सभी की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है।
दिल्ली में भी निकाला गया था मशाल मार्च
इससे पहले 28 मार्च को दिल्ली कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में 'मशाल' मार्च निकाला था, जिसमें कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया, जिन्हें राहुल गांधी की अयोग्यता और "लोकतंत्र को बचाने" के लिए सरकार के खिलाफ अपने अभियान के तहत लाल किले के बाहर से हिरासत में लिया गया था।
कांग्रेस ने निकाला जय भारत महा सत्याग्रह
कांग्रेस पार्टी के सांसद और कार्यकर्ता कांग्रेस के 'लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति' मार्च में भाग लेने के लिए शाम सात बजे दिल्ली के लाल किले पर एकत्र हुए थे।
इस दौरान हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को उत्तरी दिल्ली के किंग्सवे कैंप थाने ले जाया गया था। पार्टी के महीने भर के अभियान में 35 प्रमुख शहरों में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।
वहीं जिला और राज्य स्तर पर जय भारत सत्याग्रह और राष्ट्रीय स्तर पर जय भारत महा सत्याग्रह का आयोजन किया गया था।
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क्या है पूरा विवाद?
गौरतलब है कि गुजरात की सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विवादित टिप्पणी करने के चलते दोषी करार दिया गया था।
कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी गई थी। दरअसल राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम पर विवादित बयान दिया था।
उन्होंने सभा में कहा था, "सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?" उनके इसी बयान के लिए उन्हें दोषा ठहरा दिया था।
जिसके एक दिन के बाद संसद से भी उन्हें अयोग्य घोषित किया गया था। इसके विरोध में ही कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी की अयोग्यता पर एक महीने के विरोध कार्यक्रम की घोषणा की है।
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