Modi Mitra: छत्तीसगढ़ में 3200 मुस्लिम बने 'मोदी मित्र', देश की 65 लोकसभा सीटों के लिए लक्ष्य निर्धारित
2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी है। प्रदेश में मोदी मित्र अभियान चलाया जा रहा है। युवाओं का कहना है कि वह मोदी सरकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं के कारण मोदी के प्रति आकर्षित हुए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा ने देश में मुस्लिम बहुल 65 लोकसभा सीटों पर मोदी मित्र बनाने का लक्ष्य दिया है।
संदीप तिवारी, रायपुर। 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुटी है। प्रदेश में 'मोदी मित्र' (Modi Mitra) अभियान चलाया जा रहा है।
प्रदेश में 30 दिन के भीतर 3200 मुस्लिमों ने स्वयं को 'मोदी मित्र' घोषित किया है। इसमें ज्यादातर युवा, महिलाएं और सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हैं। मुस्लिम महिलाएं जहां मोदी सरकार (Modi Govt) की ओर से लाए गए तीन तलाक कानून (Triple Talaq) से प्रभावित हैं, वहीं पुरुष सबका साथ सबका विकास संकल्प से।
कितनी सीटों पर चल रहा अभियान?
युवाओं का कहना है कि वह मोदी सरकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं के कारण मोदी के प्रति आकर्षित हुए हैं। छत्तीसगढ़ की कुल 11 लोकसभा सीटों में अभी रायपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, बिलासपुर और बस्तर में यह अभियान चल रहा है। रायपुर में 1.70 लाख, बिलासपुर में 1.10 लाख, सरगुजा में 1.01 लाख, बस्तर में 90 हजार और राजनांदगांव में 90 हजार मुस्लिम मतदाता हैं।
65 लोकसभा सीटों पर मोदी मित्र बनाने का लक्ष्य
भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा ने देश में मुस्लिम बहुल 65 लोकसभा सीटों पर मोदी मित्र बनाने का लक्ष्य दिया है। पिछले महीने रायपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक में यह रणनीति बनी थी।
छत्तीसगढ़ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी व मोदी मित्र अभियान के छत्तीसगढ़-ओडिशा-महाराष्ट्र के संयोजक डा. सलीम राज ने बताया,
छत्तीसगढ़ में 50 हजार मुस्लिमों को 'मोदी मित्र' बनाने का लक्ष्य है, जबकि पूरे देश में 3.25 लाख बनाए जाएंगे।
अब निकालेंगे स्नेह यात्रा
डा. सलीम राज ने बताया,
इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए अगले महीने देशभर में स्नेह यात्रा निकाली जा सकती है। यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से बिहार होते हुए छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों से गुजरेगी। मुस्लिम वर्ग के ऐसे लोग, जिनकी हालत दलितों से अधिक खराब है, उन्हें जोड़ा जाएगा।
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