Chhattisgarh: नक्सलियों से लड़ने वाले सलाम जुडूम नेता की हुई मृत्यु, नक्सलियों की हिटलिस्ट में थे शामिल
नक्सलियों से लड़ने के लिए शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर सलवा जुडूम आंदोलन की अगुवाई करने वाले जुडूम नेता मधुकर राव का निधन हो गया। परिजनों के अनुसार बुधवार को कुटरू में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बीजापुर। नक्सलियों से लड़ने के लिए शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर सलवा जुडूम आंदोलन की अगुवाई करने वाले जुडूम नेता मधुकर राव का निधन हो गया।
बता दें कि मंगलवार की शाम करीब 6:30 बजे वारंगल (तेलंगाना) के एक निजी अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। मधुकर राव को कुटरू स्थित उनके निवास में सीने में दर्द की शिकायत के बाद स्वजन वारंगल लेकर गए थे, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
मधुकर राव सलवा जुडूम आंदोलन के समय से ही नक्सलियों के खिलाफ मुखर रहे हैं। कुटरू क्षेत्रों में सलवा जुडूम आंदोलन को गति देने तथा नक्सलियों लोहा लेने के लिए गांव-गांव में सभा की।
शिक्षक की नौकरी करते हुए मधुकर राव ने सलवा जुडूम आंदोलन में बढ़ चढ़कर का हिस्सा लिया था। इसके बाद उन्होंने त्याग पत्र दे दिया था।
राव थे नक्सलियों की हिटलिस्ट में
नक्सल विरोधी अभियान के कमजोर पड़ने के बाद मधुकर राव को नक्सलियों ने अपने हिटलिस्ट में रखा था। उन पर नक्सली हमला भी हुआ पर वे बच गए थे। सरकार की ओर से उन्हें बाद में सुरक्षा दी गई थी। बाद में उन्होंने अनाथ पंचशील आश्रम की नींव रखी।
दस वर्ष से कुटरू में यह आश्रम संचालित हो रहा है। 55 वर्षीय मधुकर राव के आकस्मिक निधन से परिजनों में शोक है। परिजनों के अनुसार बुधवार को कुटरू में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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